स्वास्थ्य में गिरावट के बावजूद कन्हैया ने भूख हड़ताल खत्म करने से इनकार कर दिया है
नई दिल्ली:
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुवार को एम्स ले जाया गया। 9 फरवरी को हुए विवादित कार्यक्रम के सिलसिले में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी गई सजा के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जेएनयू के पांच छात्रों ने भूख हड़ताल खत्म कर दी।
कन्हैया का ब्लड प्रेशर काफी कम
देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार और बाद में जमानत पर रिहा किए गए कन्हैया को अर्ध-बेहोशी की हालत में जेएनयू के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया गया। जेएनयू छात्र संघ के एक बयान के अनुसार, 'कन्हैया का ब्लड प्रेशर गिरकर 56 हो गया और उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर भी तेजी से कम हो गया। वह बुधवार देर रात से उल्टियां कर रहे हैं। उन्हें अर्ध-बेहोशी की हालत में स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और डॉक्टर ने उन्हें चेताया कि उपवास जारी रखने पर उनके आंतरिक रक्तस्राव की आशंका है।'
उपवास खत्म करने से कन्हैया का इनकार
बयान में कहा गया, 'चूंकि उन्होंने उपवास खत्म करने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्हें सेलाइन वाटर दिया जा रहा है। कन्हैया को एम्स भेज दिया गया। हम उनके स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हैं।' भूख हड़ताल के आठवें दिन पांच छात्रों ने बिगड़ते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया। स्वास्थ्य केंद्र की जांच रिपोर्ट के अनुसार दूसरे प्रदर्शनकारी छात्रों के शरीर में भी कीटोन का स्तर और रक्तचाप कम हो गया। इसमें कहा गया, 'अन्य छात्रों का स्वास्थ्य भी बिगड़ रहा है। सबमें कीटोन का स्तर कम हो गया और उनके वजन में चार से पांच किलोग्राम की कमी आई है लेकिन जब तक हम प्रशासन को शिकस्त न दे दें, तब तक लड़ने की भावना जारी रहेगी।'
25 छात्र थे भूख हड़ताल पर
कुल 25 छात्र पिछले गुरुवार से भूख हड़ताल पर थे। जहां एबीवीपी के पांच सदस्यों ने जेएनयू प्रशासन से अपनी मांगों पर विचार करने का आश्वासन हासिल करने का दावा करते हुए बुधवार को अपना उपवास खत्म कर दिया था, वहीं वामपंथी विचारधारा वाले समूहों के पांच सदस्यों ने स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से भूख हड़ताल खत्म कर दी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कन्हैया का ब्लड प्रेशर काफी कम
देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार और बाद में जमानत पर रिहा किए गए कन्हैया को अर्ध-बेहोशी की हालत में जेएनयू के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया गया। जेएनयू छात्र संघ के एक बयान के अनुसार, 'कन्हैया का ब्लड प्रेशर गिरकर 56 हो गया और उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर भी तेजी से कम हो गया। वह बुधवार देर रात से उल्टियां कर रहे हैं। उन्हें अर्ध-बेहोशी की हालत में स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और डॉक्टर ने उन्हें चेताया कि उपवास जारी रखने पर उनके आंतरिक रक्तस्राव की आशंका है।'
उपवास खत्म करने से कन्हैया का इनकार
बयान में कहा गया, 'चूंकि उन्होंने उपवास खत्म करने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्हें सेलाइन वाटर दिया जा रहा है। कन्हैया को एम्स भेज दिया गया। हम उनके स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हैं।' भूख हड़ताल के आठवें दिन पांच छात्रों ने बिगड़ते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया। स्वास्थ्य केंद्र की जांच रिपोर्ट के अनुसार दूसरे प्रदर्शनकारी छात्रों के शरीर में भी कीटोन का स्तर और रक्तचाप कम हो गया। इसमें कहा गया, 'अन्य छात्रों का स्वास्थ्य भी बिगड़ रहा है। सबमें कीटोन का स्तर कम हो गया और उनके वजन में चार से पांच किलोग्राम की कमी आई है लेकिन जब तक हम प्रशासन को शिकस्त न दे दें, तब तक लड़ने की भावना जारी रहेगी।'
25 छात्र थे भूख हड़ताल पर
कुल 25 छात्र पिछले गुरुवार से भूख हड़ताल पर थे। जहां एबीवीपी के पांच सदस्यों ने जेएनयू प्रशासन से अपनी मांगों पर विचार करने का आश्वासन हासिल करने का दावा करते हुए बुधवार को अपना उपवास खत्म कर दिया था, वहीं वामपंथी विचारधारा वाले समूहों के पांच सदस्यों ने स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से भूख हड़ताल खत्म कर दी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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