फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी है। अब पुलिस दोनों छात्रों से दो दिन और पूछताछ कर सकेगी। अदालत ने दोनों की पुलिस हिरासत तब बढ़ाई जब पुलिस ने दलील दी कि मामले में आगे की जांच के लिए उनकी जरूरत है।
उमर और अनिर्बान पर 9 फरवरी को जेएनयू में हुए उस विवादित कार्यक्रम को आयोजित करने का आरोप है, जिसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की गई थी। पुलिस ने दावा किया कि उमर, अनिर्बान और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को एक साथ बिठाकर उनसे पूछताछ करने के बाद कार्यक्रम में मौजूद कुछ बाहरी तत्वों सहित 22 लोगों की पहचान हो सकी है।
उमर और अनिर्बान को इससे पहले 24 फरवरी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि कन्हैया के साथ-साथ उमर और अनिर्बान की रिमांड कार्यवाही के दौरान 'गोपनीयता' बरती जाए। न्यायालय ने पुलिस को यह हिदायत भी दी थी कि किसी भी आरोपी छात्र को एक खरोंच तक नहीं आनी चाहिए और कोई हंगामा नहीं होना चाहिए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उमर और अनिर्बान पर 9 फरवरी को जेएनयू में हुए उस विवादित कार्यक्रम को आयोजित करने का आरोप है, जिसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की गई थी। पुलिस ने दावा किया कि उमर, अनिर्बान और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को एक साथ बिठाकर उनसे पूछताछ करने के बाद कार्यक्रम में मौजूद कुछ बाहरी तत्वों सहित 22 लोगों की पहचान हो सकी है।
उमर और अनिर्बान को इससे पहले 24 फरवरी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि कन्हैया के साथ-साथ उमर और अनिर्बान की रिमांड कार्यवाही के दौरान 'गोपनीयता' बरती जाए। न्यायालय ने पुलिस को यह हिदायत भी दी थी कि किसी भी आरोपी छात्र को एक खरोंच तक नहीं आनी चाहिए और कोई हंगामा नहीं होना चाहिए।
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