जाट आंदोलनकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैं...
नई दिल्ली:
उत्तरी राज्यों से जाट समुदाय के हजारों सदस्य हरियाणा में जारी आंदोलन को समर्थन देने के लिए यहां जंतर मंतर पहुंचे. जाट आंदोलनकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब के जाट आंदोलनकारियों से प्रदर्शन स्थल की ओर जाने वाली सड़कें भर गईं, जिसके चलते उस इलाके से गुजरने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. आयोजन स्थल तक पहुंचने वाले प्रदर्शनकारियों की भीड़ से निपटने के लिए प्रमुख चौराहों और मार्गों पर पुलिस और यातायात कर्मियों को तैनात किया गया था.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, 'हरियाणा में जाट समुदाय के सदस्यों के लिए न्याय और आरक्षण की अपनी मांग को मुखर बनाने के लिए जंतर मंतर पर जाट न्याय धरना का आयोजन किया जा रहा है'. उन्होंने बताया कि समुदाय के सदस्य आरक्षण को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौपेंगे और संसद की ओर मार्च निकालेंगे.
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अन्तर्गत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के अलावा जाट पिछले साल के आंदोलन के दौरान जेल में बंद लोगों को रिहा करने, प्रदर्शन के दौरान दायर किये गये मामलों को वापस लेने और इस दौरान मारे गये और घायल हुए लोगों के परिजनों को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं.
विगत वर्ष जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में हरियाणा के कई स्थानों पर 30 लोग मारे गए थे और करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब के जाट आंदोलनकारियों से प्रदर्शन स्थल की ओर जाने वाली सड़कें भर गईं, जिसके चलते उस इलाके से गुजरने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. आयोजन स्थल तक पहुंचने वाले प्रदर्शनकारियों की भीड़ से निपटने के लिए प्रमुख चौराहों और मार्गों पर पुलिस और यातायात कर्मियों को तैनात किया गया था.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, 'हरियाणा में जाट समुदाय के सदस्यों के लिए न्याय और आरक्षण की अपनी मांग को मुखर बनाने के लिए जंतर मंतर पर जाट न्याय धरना का आयोजन किया जा रहा है'. उन्होंने बताया कि समुदाय के सदस्य आरक्षण को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौपेंगे और संसद की ओर मार्च निकालेंगे.
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अन्तर्गत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के अलावा जाट पिछले साल के आंदोलन के दौरान जेल में बंद लोगों को रिहा करने, प्रदर्शन के दौरान दायर किये गये मामलों को वापस लेने और इस दौरान मारे गये और घायल हुए लोगों के परिजनों को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं.
विगत वर्ष जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में हरियाणा के कई स्थानों पर 30 लोग मारे गए थे और करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.
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