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This Article is From Jun 04, 2016

दिल्‍ली : मर्सिडीज़ हिट एंड रन मामले में नाबालिग पर वयस्‍क की तरह चलेगा केस

दिल्‍ली : मर्सिडीज़ हिट एंड रन मामले में नाबालिग पर वयस्‍क की तरह चलेगा केस
फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: दिल्ली के सिविल लाइंस इलाक़े में मर्सिडीज़ से हिट एन रन केस के मामले में आरोपी नाबालिग पर बालिग की तरह केस चलेगा। जो आरोपी है वो अपने पिता की गाड़ी चला रहा था जो काफ़ी तेज़ रफ़्तार थी, जिससे सड़क पार करने वाले सिद्धार्थ शर्मा नाम के शख्स की मौत हो गई थी। ये घटना 4 अप्रैल की रात की है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की अपील जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने मान ली है।

इससे पहले शुक्रवार को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने उस किशोर के खिलाफ एक वयस्क के तौर पर निचली अदालत में मामला चलाने की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था जिसने अपने पिता की मर्सिडीज चलाते हुए 32 वर्षीय मार्केटिंग कार्यकारी को कथित तौर पर कुचल दिया था।

घटना के मात्र 4 दिन बाद वयस्‍क हुआ था आरोपी
दिल्ली पुलिस ने अर्जी दी थी जिसमें उसने मामले को निचली अदालत को भेजने और किशोर के खिलाफ एक वयस्क के तौर पर मामला चलाने की मांग की थी। उक्त किशोर चार अप्रैल की घटना के मात्र चार दिन बाद वयस्क हुआ था।

जेजेबी के समक्ष घंटों चली बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि किशोर ने यातायात उल्लंघन पहले भी किये हैं और उसने ‘‘एक वयस्क होने का दावा करके पुलिस और अदालत को धोखा दिया है।’’ उन्होंने कहा कि किशोर 16-18 वर्ष की आयु समूह में आता है और यह अपराध ‘‘जघन्य अपराधों’’ की श्रेणी में आता है इसलिए उसके खिलाफ सुनवाई निचली अदालत में स्थानांतरित की जानी चाहिए।

गैर इरादतन हत्‍या के लिए दायर हुआ आरोपपत्र
दिल्ली पुलिस ने 26 मई को किशोर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के अपराध के लिए जेजेबी में आरोपपत्र दायर किया था। गैर इरादतन हत्या के लिए अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है।

शुरू में किशोर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए के तहत एक मामला दर्ज किया गया था। यद्यपि बाद में उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया और उसे सुधार गृह भेज दिया गया। पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि किशोर ने मार्केटिंग कार्यकारी सिद्धार्थ शर्मा को अपने पिता की मर्सिडीज से तब कुचल दिया जब शर्मा गत चार अप्रैल को उत्तरी दिल्ली में लूडलो कैसल स्कूल के पास सड़क पार करने का प्रयास कर रहे थे। कथित अपराध के लिए उसके खिलाफ अंतिम रिपोर्ट धारा 304, 279 और 337 के तहत दायर की गई।

पुलिस ने अपने मामले के समर्थन में गवाहों के बयान लिये जिसमें युवक के मित्रों के बयान भी शामिल हैं। बोर्ड ने 26 अप्रैल को युवक को जमानत दे दी थी जिसने प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने के लिए राहत मांगी थी।

पुलिस ने कहा था कि कार कम से कम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलायी जा रही थी और टक्कर के कारण शर्मा कई फुट हवा में उछल गए थे और वह मौके से करीब 15 मीटर दूर गिरे थे।

(इनपुट एजेंसी से...)

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