प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
एनजीटी ने सोमवार को दिल्ली में 10 साल पुराने सभी डीजल वाहनों पर बैन के आदेश जारी किए। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कहा गया। NGT ने RTO से पुरानी डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने को भी कहा है।
परिवनह विभाग के सूत्रों का कहना है कि अगर एनजीटी का आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हुआ तो दिल्ली में हाहाकार मच जाएगा। दिल्ली के लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। परिवहन विभाग ने साफ किया है कि एनजीटी का आदेश फिलहाल नहीं मिला है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का पहले ही आदेश है कि अगर गाड़ी के 10 साल पूरे हो चुके हैं तो परिवहन विभाग से एनओसी लेकर दूसरे राज्यों में गाड़ी बेची जी सकती है।
परिवहन विभाग का कहना है कि आज रात तक आर्डर मिलेगा फिर बैठक करके फैसला लिया जाएगा कि क्या करना है। लेकिन परिवहन विभाग के सूत्र बता रहे हैं कि अगर एनजीटी का ऑर्डर तुरंत लागू किया गया तो उससे दूध, सब्जी और अनाज की सप्लाई पर खासा असर पड़ेगा। दिल्ली में कुल 13,700 डीजल की बसें है। इनमें 11,400 बसें बाहर हो जाएंगी।
इसी तरह सामान लाने ले जाने वाले 1.28 हजार ट्रक और मिनी ट्रक हैं जिनमें से 90000 के रजिस्ट्रेशन को रद्द करना पड़ेगा। जबकि 1,61,000 डीजल की प्राइवेट कारें हैं जो 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं।
परिवनह विभाग के सूत्रों का कहना है कि अगर एनजीटी का आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हुआ तो दिल्ली में हाहाकार मच जाएगा। दिल्ली के लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। परिवहन विभाग ने साफ किया है कि एनजीटी का आदेश फिलहाल नहीं मिला है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का पहले ही आदेश है कि अगर गाड़ी के 10 साल पूरे हो चुके हैं तो परिवहन विभाग से एनओसी लेकर दूसरे राज्यों में गाड़ी बेची जी सकती है।
परिवहन विभाग का कहना है कि आज रात तक आर्डर मिलेगा फिर बैठक करके फैसला लिया जाएगा कि क्या करना है। लेकिन परिवहन विभाग के सूत्र बता रहे हैं कि अगर एनजीटी का ऑर्डर तुरंत लागू किया गया तो उससे दूध, सब्जी और अनाज की सप्लाई पर खासा असर पड़ेगा। दिल्ली में कुल 13,700 डीजल की बसें है। इनमें 11,400 बसें बाहर हो जाएंगी।
इसी तरह सामान लाने ले जाने वाले 1.28 हजार ट्रक और मिनी ट्रक हैं जिनमें से 90000 के रजिस्ट्रेशन को रद्द करना पड़ेगा। जबकि 1,61,000 डीजल की प्राइवेट कारें हैं जो 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं।
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