अक्षत मित्तल
नई दिल्ली:
अक्षत मित्तल पहली नजर में किसी भी 13 साल के बच्चे की तरह आम बच्चा लगता है लेकिन असल में वह देश का सबसे युवा आंत्रप्रन्योर है। नोएडा के एमिटी स्कूल में नौंवी क्लास के छात्र अक्षत ने एक वेबसाइट बनायी है- odd-even.com। यह साइट कार पूलिंग के लिए जानकारी मुहैया करवाती है।
अक्षत का कहना है कि इस साइट को बनाने का आइडिया उन्हें पिछले साल दिसंबर में आया जब उन्होंने दिल्ली में ऑड ईवन फॉर्म्युला के बारे में सुना और दिल्ली में दिन प्रतिदिन तेजी से जहरीली होती जा रही हवा के बारे में जाना।
अक्षय ने कारपूलिंग पर फोकस करते हुए अपनी तकनीकी क्षमताओं का इस्तेमाल कर यह साइट बनाई। जब वह 10 साल का था तब उसके पिता ने उसे बताया था कि कोडिंग कैसे करते हैं। उसके पिता खुद एक आंत्रप्रन्योर हैं और उनके नाम कई टेक्नॉलॉजी स्टार्ट अप हैं।
अक्षत ने बताया कि वह इस वेबसाइट पर दिन में सात से आठ घंटे काम करता रहा और आखिर में odd-even.com नामक उसका प्रॉजेक्ट सामने बनकर आया। वेबसाइट कार पूलिंग के लिए इच्छुक लोगों को एक प्लेटफॉर्म पर लाती है और इसके लिए यूजर को करना कुछ नहीं होता सिवाए अपनी बेसिक डीटेल्स जैसे कि कार का रजिस्ट्रेशन नंबर, अपना नाम वेबसाइट या मोबाइल ऐप में डालनी होती है।
अक्षत के इस शानदार काम को ओराही नामक कारपूलिंग प्लेटफॉम ने जब नोटिस किया तब इसके 30 हजार यूजर्स थे। उन्होंने अक्षत की साइट खरीद ली और अक्षत को बोर्ड में बतौर सलाहकार रख लिया। अक्षत का कहना है कि अब साइट तेजी से फलेगी फूलेगी भी और इसी के साथ उनकी खुद की तकनीकी और आंत्रप्रन्योर क्षमताएं बेहतर होंगी।
अक्षत का कहना है कि इस साइट को बनाने का आइडिया उन्हें पिछले साल दिसंबर में आया जब उन्होंने दिल्ली में ऑड ईवन फॉर्म्युला के बारे में सुना और दिल्ली में दिन प्रतिदिन तेजी से जहरीली होती जा रही हवा के बारे में जाना।
अक्षय ने कारपूलिंग पर फोकस करते हुए अपनी तकनीकी क्षमताओं का इस्तेमाल कर यह साइट बनाई। जब वह 10 साल का था तब उसके पिता ने उसे बताया था कि कोडिंग कैसे करते हैं। उसके पिता खुद एक आंत्रप्रन्योर हैं और उनके नाम कई टेक्नॉलॉजी स्टार्ट अप हैं।
अक्षत ने बताया कि वह इस वेबसाइट पर दिन में सात से आठ घंटे काम करता रहा और आखिर में odd-even.com नामक उसका प्रॉजेक्ट सामने बनकर आया। वेबसाइट कार पूलिंग के लिए इच्छुक लोगों को एक प्लेटफॉर्म पर लाती है और इसके लिए यूजर को करना कुछ नहीं होता सिवाए अपनी बेसिक डीटेल्स जैसे कि कार का रजिस्ट्रेशन नंबर, अपना नाम वेबसाइट या मोबाइल ऐप में डालनी होती है।
अक्षत के इस शानदार काम को ओराही नामक कारपूलिंग प्लेटफॉम ने जब नोटिस किया तब इसके 30 हजार यूजर्स थे। उन्होंने अक्षत की साइट खरीद ली और अक्षत को बोर्ड में बतौर सलाहकार रख लिया। अक्षत का कहना है कि अब साइट तेजी से फलेगी फूलेगी भी और इसी के साथ उनकी खुद की तकनीकी और आंत्रप्रन्योर क्षमताएं बेहतर होंगी।
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