
प्रतीकात्मक फोटो
Quick Take
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मरने वाले पहले से कई तरह की बीमारियों से पीड़ित थे
इनफेक्शन से लड़ने की क्षमता काफी कमजोर थी
चिकनगुनिया मरीजों की मौत की गंभीरता से जांच के निर्देश
जेपी नड्डा ने कहा, "इसमें कोई दो राय नहीं है कि चिकनगुनिया के माध्यम से कोई फेटल डेथ नहीं होती है. हमने दिल्ली सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि जो केस हुए हैं उसके क्या डिटेल्स हैं..मोर्बिडिटी इन मामलों में क्या रही है".
स्वास्थ्य मंत्री के बयान के फौरन बाद गंगाराम अस्पताल ने अपना स्टैंड बदल दिया. सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन जो कल तक चिकनगुनिया को जानलेवा बता रहे थे उन्होंने बुधवार को कहा कि चिकनगुनिया के मरीजों की मौत अब जांच का विषय है और अब सरकार ने उन्हें गंगाराम में हुई चार चिकनगुनिया मरीज़ों की मौत की गंभीरता से जांच करने को कहा है.
अब सरकार ने गंगाराम अस्पताल से चिकनगुनिया के 4 मरीजों की मौत की गंभीरता से पड़ताल करने को कहा है. अस्पताल में क्रिटिकल केयर विभाग के वाइस चेयरमैन सुमित रे ने इनमें से एक मरीज का इलाज किया था, लेकिन उसे नहीं बचा सके. सुमित रे ने कहा "हमने देखा कि चारों केस में मरीजों की उम्र ज़्यादा थी और वे पूर्व से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और ह्रदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे. इससे वाइरस इनफेक्शन से लड़ने की उनकी क्षमता काफी कमजोर थी."
साफ है...पिछले तीन दिनों में जिन चार चिकनगुनिया के मरीजों की मौत हुई...उनमें एक समानता यह थी कि सभी काफी ज्यादा उम्र के थे. पहले से कई तरह की बीमारियों से पीड़ित थे. इस वजह से वायरस से लड़ने की उनकी क्षमता काफी कमजोर हो चुकी थी. यानी अगर कोई पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है. तो ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी.
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