मनीष सिसोदिया ने जीएसटी को लेकर कहा कि आजादी के बाद अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में यह सबसे बड़ा बदलाव है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया और इससे राष्ट्रीय राजधानी में मंहगाई बढ़ने का दावा किया है. सिसोदिया ने जीएसटी की पिछली बैठक में उपभोक्ता वस्तुओं पर तय दरों का हवाला देते हुए कहा कि सैद्धांतिक तौर पर दिल्ली सरकार जीएसटी के पक्ष में है, लेकिन इसे लागू करने के दोषपूर्ण तरीके को देखते हुए महंगाई बढ़ना तय है.
सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली के 30 से अधिक व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में यह सबसे बड़ा बदलाव है, लेकिन इसमें रोजमर्रा की तमाम उपभोक्ता वस्तुओं पर विलासिता वस्तुओं के बराबर ऊंची दर से कर लगाए जाने से कीमतें बढ़ना तय है.
बैठक में पार्टी की व्यापार इकाई के संयोजक बृजेश गोयल ने रोजमर्रा के इस्तेमाल की दो दर्जन से अधिक उपभोक्ता वस्तुओं पर लगने वाले कर का हवाला देते हुए इनके मंहगे होने का दावा किया. उन्होंने दिल्ली के व्यापारियों की ओर से इन वस्तुओं की सूची सिसोदिया को सौंपते हुए जीएसटी परिषद में इस नकारात्मक पहलू को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने की मांग की.
सिसोदिया ने कहा कि वह लगातार इस पहलू को जीएसटी परिषद में उठाते रहे हैं. पिछली बैठक में भी उन्होंने झाड़ू से लेकर ट्रेक्टर जैसे उत्पादों की कीमत में इजाफे से मंहगाई बढ़ने की आशंका जताई थी. उन्होंने कहा कि अभी इन वस्तुओं पर 5 से 12.5 प्रतिशत वेट और इतना ही उत्पाद शुल्क लगता है, लेकिन अब 28 प्रतिशत जीएसटी लगने से इनकी कीमतें बढ़ना तय है, जिससे आम आदमी के लिये गुजर बसर कठिन हो जाएगा.
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जीएसटी विधेयक पारित करने के लिए कल विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है. इसमें जीएसटी कर प्रणाली की जटिलता और इसे लागू करने की दोषपूर्ण प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया जाएगा.
(इनपुट भाषा से)
सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली के 30 से अधिक व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में यह सबसे बड़ा बदलाव है, लेकिन इसमें रोजमर्रा की तमाम उपभोक्ता वस्तुओं पर विलासिता वस्तुओं के बराबर ऊंची दर से कर लगाए जाने से कीमतें बढ़ना तय है.
बैठक में पार्टी की व्यापार इकाई के संयोजक बृजेश गोयल ने रोजमर्रा के इस्तेमाल की दो दर्जन से अधिक उपभोक्ता वस्तुओं पर लगने वाले कर का हवाला देते हुए इनके मंहगे होने का दावा किया. उन्होंने दिल्ली के व्यापारियों की ओर से इन वस्तुओं की सूची सिसोदिया को सौंपते हुए जीएसटी परिषद में इस नकारात्मक पहलू को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने की मांग की.
सिसोदिया ने कहा कि वह लगातार इस पहलू को जीएसटी परिषद में उठाते रहे हैं. पिछली बैठक में भी उन्होंने झाड़ू से लेकर ट्रेक्टर जैसे उत्पादों की कीमत में इजाफे से मंहगाई बढ़ने की आशंका जताई थी. उन्होंने कहा कि अभी इन वस्तुओं पर 5 से 12.5 प्रतिशत वेट और इतना ही उत्पाद शुल्क लगता है, लेकिन अब 28 प्रतिशत जीएसटी लगने से इनकी कीमतें बढ़ना तय है, जिससे आम आदमी के लिये गुजर बसर कठिन हो जाएगा.
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जीएसटी विधेयक पारित करने के लिए कल विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है. इसमें जीएसटी कर प्रणाली की जटिलता और इसे लागू करने की दोषपूर्ण प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया जाएगा.
(इनपुट भाषा से)
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