- दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता बढ़ने के कारण ग्रैप चार लागू कर दिया गया है, जो आपात स्थिति दर्शाता है
- ग्रैप चार लागू होने पर स्कूलों को ऑनलाइन करवाने की संभावना बढ़ जाती है, हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है
- CAQM ने एनसीआर क्षेत्र में गंभीर वायु गुणवत्ता की स्थिति को देखते हुए तत्काल कदम उठाए हैं
दिल्ली में वायू प्रदूषण बढ़ने के कारण ग्रैप 4 लागू कर दिया है. ये तब लागू किया जाता है, जब आपात स्थिति हो जाती है. AQI 450 से ऊपर पहुंच जाता है और हवा जानलेवा की श्रेणी में आ जाती है. आज ही ग्रैप 3 लागू किया गया था, मगर शाम होते-होते ग्रैप 4 लागू कर दिया गया. इससे अब सभी पैरेंट्स ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या स्कूल अब ऑनलाइन ही चलेंगे या बच्चों को स्कूल जाना पड़ेगा.
स्कूल क्या ऑनलाइन होंगे
दिल्ली में GRAP-4 लागू होने के सरकारी और निजी कार्यालयों को 50% कर्मचारियों के साथ काम करना होगा और बाकी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा. यह निर्देश पर्यावरण (प्रोटेक्शन) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत दिया गया है. दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 9 तक और कक्षा 11 तक हाइब्रिड मोड लागू करने का आदेश दिया गया है. इसी तरह एनसीआर में सभी जिलाधिकारी इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं.

क्यों लागू हुआ ग्रैप 4
केंद्रीय निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास में, सीएक्यूएम की जीआरएपी संबंधी उप-समिति ने मौजूदा जीआरएपी के चरण-IV - 'गंभीर+' वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई > 450) के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से पूरे एनसीआर में लागू करने का निर्णय लिया है. यह एनसीआर में पहले से लागू मौजूदा जीआरएपी के चरण I, II और III के तहत की गई कार्रवाइयों के अतिरिक्त है. बिगड़ते AQI के कारणों को समझाते हुए, CAQM ने कहा कि इसका मुख्य कारण उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रहा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ था, न कि स्थानीय उत्सर्जन. जाहिर है ये दूषित हवा तब तक है जब तक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ है. इसलिए इसके सुधरने के चांसेज ज्यादा हैं.
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