- दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर पहुंचते ही जीआरएपी-3 प्रतिबंध लागू किए गए थे
- शाम को एक्यूआई 441 तक बढ़ने पर केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने जीआरएपी-4 प्रतिबंध लागू कर दिए
- जीआरएपी-4 में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और ऑनलाइन कक्षाओं का प्रावधान शामिल है
जीआरएपी-3 के तहत प्रदूषण मानदंडों को लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद ही शनिवार शाम को दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया गया और जीआरएपी-4 को लागू कर दिया गया. दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण से निपटने के लिए जिम्मेदार केंद्रीय निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दोपहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 400 के पार पहुंचने और 'गंभीर' श्रेणी में प्रवेश करने के बाद जीआरपी 3 प्रतिबंध लागू कर दिए थे. शाम को सीएक्यूएम ने बताया कि एक्यूआई (जो शाम 4 बजे 431 दर्ज किया गया था) में वृद्धि देखी गई और शाम 6 बजे यह 441 पर पहुंच गया.
पूरे NCR में लागू
#WATCH | Delhi | Visuals around Anand Vihar this evening as a layer of toxic smog blankets the city.
— ANI (@ANI) December 13, 2025
AQI (Air Quality Index) around the area is 488, categorised as 'Severe', as claimed by CPCB (Central Pollution Control Board).
CAQM (Commission for Air Quality Management) has… pic.twitter.com/664edkS8Eh
सीएक्यूएम ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास में, सीएक्यूएम की जीआरएपी संबंधी उप-समिति ने मौजूदा जीआरएपी के चरण-IV - 'गंभीर+' वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई > 450) के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से पूरे एनसीआर में लागू करने का निर्णय लिया है. यह एनसीआर में पहले से लागू मौजूदा जीआरएपी के चरण I, II और III के तहत की गई कार्रवाइयों के अतिरिक्त है. बिगड़ते AQI के कारणों को समझाते हुए, CAQM ने कहा कि इसका मुख्य कारण उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रहा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ था, न कि स्थानीय उत्सर्जन.
जानिए दिल्ली में कहां कितना AQI

क्या पाबंदियां रहेंगी
ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है. हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. दिल्ली में GRAP-4 लागू होने के सरकारी और निजी कार्यालयों को 50% कर्मचारियों के साथ काम करना होगा और बाकी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा. यह निर्देश पर्यावरण (प्रोटेक्शन) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत दिया गया है. दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 9 तक और कक्षा 11 तक हाइब्रिड मोड लागू करने का आदेश दिया गया है. इसी तरह एनसीआर में सभी जिलाधिकारी इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं.

कब कौन सा ग्रैप लगता है
सर्दियों के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है. एक्यूआई जब 201 से 300 के बीच होता है तब पहले चरण की पाबंदियां लगाई जाती हैं जबकि एक्यूआई के 301 से 400 के बीच रहने पर दूसरे, 401 से 450 के बीच रहने पर तीसरे तथा एक्यूआई के 450 से अधिक होने पर चौथे चरण के प्रतिबंध लागू किए जाते हैं.
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