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This Article is From Mar 20, 2016

आप के 21 विधायकों को चुनाव आयोग का नोटिस, संसदीय सचिव बनाने के मुद्दे पर मांगा जवाब

आप के 21 विधायकों को चुनाव आयोग का नोटिस, संसदीय सचिव बनाने के मुद्दे पर मांगा जवाब
विधायकों को भेजा गया नोटिस।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के उन 21 विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है जिनको दिल्ली सरकार ने पिछले साल मार्च में संसदीय सचिव बनाया था। नोटिस में पूछा गया है कि विधायकों की सदस्यता क्यों न रद्द की जाए।

सदस्यता रद्द करने की याचिका
दरअसल राष्ट्रपति के पास प्रशांत पटेल नाम के एक शख्स ने याचिका लगाकर कहा था कि 21 आप विधायकों का संसदीय सचिव के तौर पर अपॉइंटमेंट ऑफिस और प्रॉफिट के दायरे में आता है लिहाज़ा विधायकों की सदस्यता ही रद्द की जाए। इस पर राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग से राय मांगी और चुनाव आयोग ने सभी 21 आप विधायकों से 11 अप्रैल तक अपना जवाब देने को कहा है।

पिछले साल बनाए गए संसदीय सचिव
बीते साल मार्च में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था लेकिन उनको किसी भी तरह के वेतन भत्ते आदि की मनाही थी। इस तरह खजाने पर कोई बोझ न पड़ने की बात कही गई थी। केवल सरकारी काम के लिए ज़रूरत पड़ने पर परिवहन आदि और जिस मंत्री के यहां तैनात हों, वहां ऑफिस देने की बात थी।

गैारकानूनी नहीं हैं नियुक्तियां : आप
चांदनी चौक की विधायक अलका लाम्बा, जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार, जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि जैसे 21 विधायक संसदीय सचिव हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि संसदीय सचिव की नियुक्ति में कुछ गैरकानूनी नहीं है और जो भी सवाल पूछे गए हैं उनका जवाब तय समय सीमा में दिया जाएगा।

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