
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी से पेरेंट्स परेशान है. राजधानी के 15 प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के पेरेंट्स डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन के दफ्तर के बाहर आज विरोध प्रदर्शन (Delhi School Fees Hike) कर रहे हैं. इस बीच सृजन स्कूल ने पैरेंट्स एसोसिएशन को 2.15 करोड़ रुपए का लीगल नोटिस भेज दिया है. फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन करने की वजह से ये नोटिस स्कूल ने भेजा है. दरअसल एसोसिएशन ने कुछ दिन पहले फ़ीस बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. जिसके बाद स्कूल ने नोटिस भेजा है. बता दें कि सृजन स्कूल, मीरा देवी स्कूल के अभिभावकों की खबर NDTV मुहिम में भी चलाई गई थी.
स्कूल ने भेजा 2.15 करोड़ का लीगल नोटिस
स्कूल का आरोप है कि इन विरोध प्रदर्शनों की वजह से स्कूल की छवि खराब हुई है. स्कूल में होने वाले एडमिशनों में भी कमी आई है. वहीं प्रदर्शन कर रहे पेरेंट्स की मांग है कि स्कूल में फीस बढ़ोतरी पर रोक लगे, DOE स्कूलों के खिलाफ करवाई करे. स्कूल जिस तरह से मनमाने तरीके से अलग-अलग चार्ज के नाम पर कमाई करते हैं उस पर सरकार ध्यान दे. पेरेंट्स को उम्मीद है कि दिल्ली सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और उन्हें राहत मिलेगी.
स्कूलों की फीस बढ़ोतरी से पेरेंट्स परेशान
आज सृजन स्कूल, क्वीन मैरी, इंद्रप्रस्थ स्कूल, मीरा देवी स्कूल के पेरेंट्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि मंगलवार को
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने क्वीन मैरी स्कूल को लेकर कार्रवाई का आदेश दिया था. बता दें कि पेरेंट्स स्कूलों की तरफ से लगातार बढ़ाई जा रही फीस से परेशान हैं.
पेरेंट्स कर रहे विरोध प्रदर्शन
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ पेरेंट्स का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. मंगलवार को आनंद निकेतन में स्थित माउंट कार्मेल स्कूल के बाहर भी कई अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया था. गुस्साए अभिभावकों ने आईएएनएस से बातचीत में कहा था कि स्कूल वाले बेवजह फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस वजह से हम जैसे अनेक अभिभावकों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.
बढ़ती फीस और स्कूल के समय से पेरशानी
अभिभावक संध्या ने IANS से बातचीत में कहा था कि फीस वृद्धि के साथ ही टाइमिंग को लेकर भी हमें आपत्ति है. हमारे बच्चों को देर तक स्कूल में रोककर रखा जाता है. इस वजह से वो काफी थक जाते हैं और घर आते ही सो जाते हैं. उनके पास कोई दूसरा काम करने की ऊर्जा नहीं रहती है. इसके बाद वो दूसरे दिन स्कूल जाने के लायक नहीं रहते.जितनी फीस स्कूल की तरफ से ली जाती है, उस हिसाब से हमारे बच्चों को किसी तरह की सुविधा नहीं मिल पाती. स्कूल में किसी भी प्रकार की बुनियादी सुविधा नहीं है.
स्कूल में पीने का पानी तक नहीं
स्कूल की बदइंतजामी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि बच्चों को पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. बच्चे स्कूल की बजाय बाहर कैंटीन से पानी लेना पसंद करते हैं. अगर ऐसे ही चलता रहा, तो आखिर हम कब तक अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में पढ़ा पाएंगे.
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