- दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जलकर नष्ट हो गए हैं
- आईबी के पूर्व अधिकारी यशोवर्धन झा आजाद ने इसे संगठित और खतरनाक हमला करार दिया
- शुरुआती जांच में पता चला है कि इस हमले को डॉक्टरों ने अंजाम दिया, जो आतंकी नेटवर्क के नए चेहरे को दर्शाता है
दिल्ली में सोमवार शाम को लाल किले के पास हुए जोरदार धमाके ने हर किसी को हिला कर रख दिया है. बीती शाम जब रोजाना की तरह दिल्ली सरपट दौड़ रही थी. तब 6:52 का वक्त था, तभी लाल किला पर मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति से चल रही कार में विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जलकर खाक हो गए. इस मामले के हर एक बारीक पहलू को तलाशा जा रहा है, ताकि इस ब्लास्ट की जड़ तक पहुंचा जा सकें. दिल्ली विस्फोट मामले पर आईबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर और कैबिनेट सचिवालय में पूर्व सचिव (सुरक्षा) यशोवर्धन झा आजाद ने एनडीटीवी से बातचीत की. यशोवर्धन झा का कहना है कि यह घटना बेहद संगठित और खतरनाक है, जिसे ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की श्रेणी में रखा जा सकता है.

क्या इसमें जैश-ए-मोहम्मद का हाथ?
यशोवर्धन झा ने कहा कि आपको याद होगा कि अक्टूबर 2001 में जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कार ब्लास्ट किया था. इस हमले में भी उनका सिग्नेचर हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान से तार जोड़ने से पहले जांच पूरी करनी होगी. अभी तक किसी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, शायद इसलिए कि भारत उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है. जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाए जा रहे थे. इस बीच, एक थानेदार ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अहम सूचना दी, जिससे यह मॉड्यूल सामने आया.
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व्हाइट कॉलर टेरर का नया चेहरा
इस मामले की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस धमाके को डॉक्टरों ने अंजाम दिया है. यह भारत में आतंकी नेटवर्क के नए चेहरे को उजागर करता है. दुनिया के कई देशों में पढ़े-लिखे लोग आतंकी वारदातों में शामिल रहे हैं. ISIS ने इंटरनेट पर प्रचार कर केरल के युवाओं को प्रभावित किया था. अब भारत में पहली बार ऐसा मॉड्यूल मिला है, जिसमें डॉक्टरों ने तीन टन विस्फोटक इकट्ठा कर हमला किया. उन्होंने न सिर्फ देश के खिलाफ बल्कि अपने पेशे के खिलाफ भी गद्दारी की है.

पाकिस्तान एंगल और हैंडलर्स की तलाश
क्या यह हमला पूरी तरह होमग्रोन है? यशोवर्धन झा इस पर कहते हैं कि भारत में किसी आतंकी संगठन के पास इतनी ताकत नहीं है. जांच में एन्क्रिप्टेड ऐप्स और हैंडलर्स की बात सामने आ रही है. हो सकता है हैंडलर्स अफगानिस्तान या पाकिस्तान में हों.
दिल्ली ब्लास्ट का पुलवामा कनेक्शन?
पुलवामा से कुछ आतंकियों के तार मिले हैं. ऐसा हो सकता है यह मॉड्यूल उनसे जुड़ा हो, लेकिन यह एक स्वतंत्र नेटवर्क है. इनके पास 2900 किलो विस्फोटक, डेटोनेटर, टाइमर, वॉकी-टॉकी सेट और संभवतः RDX भी था. अगर यह पुलवामा से जुड़ा पाया गया तो व्यापक कार्रवाई करनी होगी. केमिकल सिग्नेचर से पता चलेगा कि विस्फोटक सामग्री कहां से खरीदी गई. और गिरफ्तारियां होंगी. यह मॉड्यूल किन-किन बड़े शहरों में दहशत फैलाने की योजना बना रहा था, यह जांच से स्पष्ट होगा.
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