उमर खालिद.
नई दिल्ली:
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेता उमर खालिद पर कुछ दिन पहले हमला करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने हरियाणा से हिरासत में लिया है. दोनों आरोपी वही हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर हमले की जिम्मेदारी ली थी. आरोपियों का नाम दरवेश शाहपुर और नवीन दलाल है और ये झज्जर के रहने वाले हैं. अब पुलिस वेरीफाई कर रही है कि ये उस घटना में शामिल थे या नहीं. अगर शामिल थे तो इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आपको बता दें कि दरवेश शाहपुर और नवीन दलाल ने पहले कहा था कि वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था.
यह भी पढ़ें: जेएनयू के छात्र उमर खालिद पर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के पास फायरिंग
दोनों आरोपियों वीडियो शेयर कर कहा था कि वे स्वतंत्रता दिवस पर देश को तोहफा देना चाहते थे. पुलिस को आश्वासन दिया था कि पंजाब के एक गांव (क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा के गांव) में पुलिस के समक्ष पेश होंगे. और ऐसा करने के लिए उन्हें मोहलत दी जाए. लेकिन पुलिस से मोहलत मिलने के बाद भी उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया था. गौरतलब है कि उमर खालिद पर 13 अगस्त को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के पास फायरिंग की गई थी. हालांकि इस हमले में उमर खालिद को गोली नहीं लगी. एक चश्मदीद के मुताबिक आरोपी ने उमर खालिद को धक्का मारकर उसपर गोली चलाई और मौके फरार हो गया. बाद में घटना की सूचना दिल्ली पुलिस को दी गई. बाद में पुलिस को मौके से पिस्तौल भी बरामद हुई थी.
JNU छात्र उमर खालिद पर हमला करने वाले का CCTV फुटेज इमेज जारी, विट्टलभाई मार्ग पर दिख रहा है भागता
बताया जा रहा था कि हमलावार के हाथ से पिस्तौल गिर गई थी और वह फरार हो गया. अपने उपर हुए हमले के बाद उमर खालिद ने कहा, 'देश में खौफ का माहौल है और सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति को डराया-धमकाया जा रहा है.'वहीं घटना के बाद एक चश्मदीद ने बताया था कि उमर खालिद हमारे साथ एक कार्यक्रम में था. जब हम एक चाय के स्टॉल पर थे तभी सफेद शर्ट पहने एक शख्स पास आया उसने पहले धक्का मारा फिर फायरिंग कर दी. धक्के की वजह से खालिद गिर गया और गोली उसके पास से निकल गई.
जेएनयू के छात्र उमर खालिद पर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के पास फायरिंग
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दोनों आरोपियों वीडियो शेयर कर कहा था कि वे स्वतंत्रता दिवस पर देश को तोहफा देना चाहते थे. पुलिस को आश्वासन दिया था कि पंजाब के एक गांव (क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा के गांव) में पुलिस के समक्ष पेश होंगे. और ऐसा करने के लिए उन्हें मोहलत दी जाए. लेकिन पुलिस से मोहलत मिलने के बाद भी उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया था. गौरतलब है कि उमर खालिद पर 13 अगस्त को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के पास फायरिंग की गई थी. हालांकि इस हमले में उमर खालिद को गोली नहीं लगी. एक चश्मदीद के मुताबिक आरोपी ने उमर खालिद को धक्का मारकर उसपर गोली चलाई और मौके फरार हो गया. बाद में घटना की सूचना दिल्ली पुलिस को दी गई. बाद में पुलिस को मौके से पिस्तौल भी बरामद हुई थी.
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बताया जा रहा था कि हमलावार के हाथ से पिस्तौल गिर गई थी और वह फरार हो गया. अपने उपर हुए हमले के बाद उमर खालिद ने कहा, 'देश में खौफ का माहौल है और सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति को डराया-धमकाया जा रहा है.'वहीं घटना के बाद एक चश्मदीद ने बताया था कि उमर खालिद हमारे साथ एक कार्यक्रम में था. जब हम एक चाय के स्टॉल पर थे तभी सफेद शर्ट पहने एक शख्स पास आया उसने पहले धक्का मारा फिर फायरिंग कर दी. धक्के की वजह से खालिद गिर गया और गोली उसके पास से निकल गई.
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