2050 तक दुनिया की शहरी आबादी में भारत का योगदान सबसे अधिक होने के आसार हैं
नई दिल्ली:
संयुक्त राष्ट्र के नये अनुमानों के मुताबिक 2028 के आसपास दिल्ली के दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बनने की संभावना है. संयुक्त राष्ट्र के आज यहां जारी नये अनुमानों के अनुसार 2050 तक दुनिया की शहरी आबादी में भारत का योगदान सबसे अधिक होने के आसार हैं.
सुनंदा पुष्कर मामला: दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर को बनाया आरोपी, दायर की 3000 पन्नों की चार्जशीट
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) के जनसंख्या प्रभाग द्वारा पेश विश्व शहरीकरण संभावनाओं के पुनरावलोकन 2018 रिपोर्ट को आज यहां जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि 2050 तक दुनिया की 68 प्रतिशत जनसंख्या के शहरी क्षेत्रों में रहने का अनुमान है. इस समय दुनिया की 55 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में दुनिया की शहरी जनसंख्या का आकार बढ़ने की उम्मीद है. भारत, चीन और नाइजीरिया 2018 और 2050 के बीच दुनिया की शहरी आबादी के अनुमानित विकास का 35 प्रतिशत हिस्सा होंगे. 2050 तक, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत 41 करोड़ 60 लाख शहरी निवासियों, चीन 25 करोड़ 50 लाख और नाइजीरिया 18 करोड़ 90 लाख शहरी निवासियों को जोड़ेगा.
10 करोड़ के PWD घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का रिश्तेदार गिरफ्तार
तोक्यो तीन करोड़ 70 लाख निवासियों के समूह के साथ दुनिया का सबसे बड़ा शहर है. इसके बाद नई दिल्ली दो करोड़ 90 लाख, दो करोड़ 60 लाख के साथ शंघाई और मेक्सिको सिटी और साओ पाउलो, प्रत्येक दो करोड़ 20 लाख निवासी है. काहिरा, मुंबई, बीजिंग और ढाका में लगभग दो-दो करोड़ निवासी हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2028 के आसपास दिल्ली के दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बनने का अनुमान है. इसमें कहा गया है कि 2028 में नई दिल्ली की अनुमानित आबादी का आकार लगभग 3.72 करोड़ है, जो तोक्यो के 3.68 करोड़ से अधिक है. भारत की सबसे बड़ी ग्रामीण आबादी (89.3 करोड़) है. इसके बाद चीन की (57.8 करोड़) है.
सुनंदा पुष्कर मामला: दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर को बनाया आरोपी, दायर की 3000 पन्नों की चार्जशीट
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) के जनसंख्या प्रभाग द्वारा पेश विश्व शहरीकरण संभावनाओं के पुनरावलोकन 2018 रिपोर्ट को आज यहां जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि 2050 तक दुनिया की 68 प्रतिशत जनसंख्या के शहरी क्षेत्रों में रहने का अनुमान है. इस समय दुनिया की 55 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में दुनिया की शहरी जनसंख्या का आकार बढ़ने की उम्मीद है. भारत, चीन और नाइजीरिया 2018 और 2050 के बीच दुनिया की शहरी आबादी के अनुमानित विकास का 35 प्रतिशत हिस्सा होंगे. 2050 तक, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत 41 करोड़ 60 लाख शहरी निवासियों, चीन 25 करोड़ 50 लाख और नाइजीरिया 18 करोड़ 90 लाख शहरी निवासियों को जोड़ेगा.
10 करोड़ के PWD घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का रिश्तेदार गिरफ्तार
तोक्यो तीन करोड़ 70 लाख निवासियों के समूह के साथ दुनिया का सबसे बड़ा शहर है. इसके बाद नई दिल्ली दो करोड़ 90 लाख, दो करोड़ 60 लाख के साथ शंघाई और मेक्सिको सिटी और साओ पाउलो, प्रत्येक दो करोड़ 20 लाख निवासी है. काहिरा, मुंबई, बीजिंग और ढाका में लगभग दो-दो करोड़ निवासी हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2028 के आसपास दिल्ली के दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बनने का अनुमान है. इसमें कहा गया है कि 2028 में नई दिल्ली की अनुमानित आबादी का आकार लगभग 3.72 करोड़ है, जो तोक्यो के 3.68 करोड़ से अधिक है. भारत की सबसे बड़ी ग्रामीण आबादी (89.3 करोड़) है. इसके बाद चीन की (57.8 करोड़) है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं