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This Article is From Aug 11, 2021

वर्ष 2018 के मुख्‍य सचिव पिटाई मामले में कोर्ट ने CM अरविंद केजरीवाल को बरी किया : मनीष सिसोदिया

फरवरी 2018 में तत्कालीन दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों पर मुख्यमंत्री आवास में मारपीट का आरोप लगाया था.

वर्ष 2018 के मुख्‍य सचिव पिटाई मामले में कोर्ट ने CM अरविंद केजरीवाल को बरी किया : मनीष सिसोदिया
वर्ष 2018 के मुख्‍य सचिव पिटाई मामले में सीएम केजरीवाल को क्‍लीन चिट मिल गई है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को अदालत ने मुख्य सचिव (तत्‍कालीन) पिटाई मामले में आरोप मुक्त कर दिया है. उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बुधवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि फरवरी 2018 में तत्कालीन दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों पर मुख्यमंत्री आवास में मारपीट का आरोप लगाया था.अब इस मामले में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और 9 अन्य 'आप' विधायक आरोप मुक्त हो गए हैं जबकि दो आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल अभी आरोप मुक्त नहीं हुए हैं.

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मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, 'सीएम अरविंद के केजरीवाल के खिलाफ CS असॉल्ट केस में साजिश रची गई थी. अदालत ने कह दिया कि सारे आरोप बेबुनियाद और झूठे थे. हम पहले दिन से कह रहे थे ये आरोप झूठे हैं, षड्यंत्र रचा गया है. देश के पीएम मोदी और बीजेपी के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने ये षड्यंत्र रचा. झूठा मुकदमा रचा गया.आज अदालत ने आरोप तय करने से भी इंकार कर दिया. आज पूरे देश मे अरविंद केजरीवाल सबसे लोकप्रिय सीएम है, इसी लोकप्रियता से घबराकर मोदीजी और बीजेपी ने यह साजिश रची. हमने देखा कि कैसे पुलिस उनके बेडरूम तक घुस आई थी. आज सत्यमेव जयते का दिन है.न्यायपालिका के प्रति आभार. आज न्यायपालिका में विश्वास और बढ़ गया है.मोदीजी और बीजेपी को सीएम केजरीवाल से माफी मांगनी चाहिए.विपक्ष की चुनी हुई सरकारों को सरकार चलाने दीजिए. आप उनकी सरकारों को गिराने में लगे रहते हैं.'

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दिल्ली सरकार के मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश से सीएम आवास पर कथित मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police)  ने अगस्‍त 2018 में चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में सीएम और डिप्‍टी सीएम के अलावा 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया था. इस मामले में दिल्‍ली पुलिस ने कुल 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस ने कई लोगों के बयान और सबूतों के आधार पर चार्जशीट तैयार की. दिल्ली पुलिस इस पूरे मामले में अरविंद केजरीवाल के पूर्व सलाहकार वीके जैन को मुख्य सरकारी गवाह बनाया था. अंशु प्रकाश से मारपीट करने के आरोप में आम आदमी पार्टी के दो विधायक प्रकाश जरवाल और अमानतुल्लाह ख़ान जेल भी गए थे जिन्‍हें बाद में जमानत पर रिहा किया गया था. गौरतलब है कि फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर 19 फरवरी की बैठक के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित रूप से हमला किया गया था, जिसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा था.पिछले माह दिल्ली के चीफ सेकेट्री (तत्‍कालीन) अंशु प्रकाश पर हमले के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली थी. SC ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) के फैसले को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दिया था और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मामले में गवाहों के बयानों की कॉपी देने का हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा था. 

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