
- पंजाब सरकार ने 3500 सरकारी स्कूलों में नशा विरोधी पाठ्यक्रम शुरू किया है ताकि बच्चों में जागरूकता बढ़े.
- अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नशा मुक्त पंजाब बनाने के लिए यह पहल शुरू की.
- पंजाब में नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए बच्चों को बचपन से ही नशे के खिलाफ जागरूक किया जाएगा. इसके लिए सरकारी स्कूलों में नशा विरोधी पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान ने पंजाब के 3500 सरकारी स्कूलों में इस पाठ्यक्रम की शुरूआत की. फजिल्का स्थित स्कूल ऑफ एमिनेंस में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद लोगों को नशे के खिलाफ शपथ भी दिलाई गई. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह पाठ्यक्रम पंजाब के साथ-साथ पूरे देश को रास्ता दिखाएगा कि कैसे नशे के खिलाफ बच्चों को तैयार किया जा सकता है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए नशा विरोधी पाठ्यक्रम शुरू कर दिया गया है. अब हम अपने बच्चों को बचपन से ही नशे के खिलाफ जागरूक करेंगे ताकि आने वाली पीढ़ी नशे से नहीं, बल्कि अपने ज्ञान, मेहनत और संकल्प से पहचानी जाए. युद्ध, नशे के विरुद्ध' अब सिर्फ़ नारा नहीं, एक जनआंदोलन बन चुका है. हमें मिलकर पंजाब को नशा मुक्त बनाना है. इस अवसर पर पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया, शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज सिर्फ पंजाब के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक एतिहासिक दिन है. जब बच्चों को बचपन से नशे के खिलाफ उनके पाठ्यक्रम में शिक्षा दी जाएगी. कई सालों से पंजाब नशे से जूझ रहा है. 2007-08 से पंजाब में नशा आना शुरू हुआ. कुछ सरकारें ऐसी थीं, जिनके मंत्री खुलेआम नशा बेचते थे. मंत्री अपनी गाड़ियों में पंजाब के कोने-कोने में नशा सप्लाई करते थे. अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स स्मगलरों को अपनी कोठियों में अपने साथ रखते थे. जो भी सरकारें आईं, उन्होंने नशे के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल ने कुछ नहीं किया तो 2022 में पंजाब के लोगों ने परेशान होकर आम आदमी पार्टी को मौका दिया. कुछ महीनों से पंजाब में नशे के विरुद्ध युद्ध शुरू हुआ है. पूरे देश में आज तक नशे के विरुद्ध ऐसा युद्ध नहीं देखा गया. ‘‘आप'' सरकार नशा बेचने वालों को जेल में डाल रही है. महज पांच महीने के अंदर 23 हजार से अधिक एफआईआर हो चुकी है, 15 हजार लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया है. नशा बेचने वालों ने बड़े-बड़े महल बना लिए थे, अब उनके उपर बुलडोजर चलाया जा रहा है. आज तक नशा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की किसी भी सरकार की हिम्मत नहीं थी. नशा तस्करों से सारी सरकारें डरती थीं. ‘‘आप'' की ईमानदार, हिम्मती सरकार है, हम नशा तस्करों से नहीं डरते हैं.

'नशे के विरुद्ध यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज इन नशा तस्करों की संपत्ति, बैंक अकाउंट जब्त की जा रहे हैं और उस पैसे से नए स्कूल-अस्पताल बनाए जा रहे हैं. नशे के खिलाफ युद्ध तब तक सफल नहीं होगा, जब तक इसके खिलाफ पंजाब का एक-एक व्यक्ति नहीं जुड़ेगा. ‘‘आप'' सरकार ने नशे के विरुद्ध यात्रा शुरू की. अब तक लगभग 10 हजार पिंडों में यह यात्रा जा चुकी है. इस यात्रा के समर्थन में पूरे के पूरे पिंड इकट्ठे हो रहे हैं और कसम खा रहे हैं कि हम अपने पिंड किसी को नशा नहीं बिकने देंगे. नशे में पड़े युवा पैसे की पूर्ति करने के लिए अपराध करने लग जाते हैं और उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती है- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज से 3500 सरकारी स्कूलों में नशे के खिलाफ कॉरिकुलम की शुरूआत की जा रही है. बच्चों को अब बचपन ने नशा के खिलाफ लड़ना सिखाया जाएगा. इसी उम्र में बच्चे गलत संगत में पड़ जाते हैं, जब उसके दोस्त कहते हैं कि एक बार चखने से कुछ नहीं होता है.

सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार की अभूतपूर्व कोशिशों से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हुआ है. अब छात्र निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं, जिससे लोगों का भरोसा झलकता है. नशे के खिलाफ इस तरह के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से पंजाब को ऐसी परिस्थितियों में फंसा दिया गया है, जिसके कारण यह कार्यक्रम जरूरी हो गए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने पंजाब के माथे पर नशे का दाग लगा दिया. राज्य का कार्यकाल संभालने के बाद हमें रणनीति बनाने में समय लगा और अब राज्य सरकार ने नशा छोड़ने वालों के इलाज के लिए नशा-मुक्ति केंद्र शुरू किए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खतरे से राज्य के युवाओं को दूर रखने के लिए पंजाब सरकार हर गांव में खेल मैदान और जिम का निर्माण करवा रही है. नशा तस्करी की जानकारी देने के लिए लोगों के लिए व्हाट्सएप नंबर 97791-00200 जारी किया गया है. सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी. नशा छोड़ रहे पीड़ितों के पुनर्वास की कोशिशें भी चल रही हैं ताकि वे फिर से अपने पैरों पर खड़े होकर सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें.
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