दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार ने राज्य मानव अधिकार आयोग का गठन कर दिया जिससे अब दिल्ली में राज्य स्तर पर मानव अधिकार हनन की शिकायतें यहां की जा सकेंगी।
रिटायर्ड जस्टिस उमानाथ सिंह को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि सामाजिक कार्यकर्ता राज मंगल प्रसाद को इसका सदस्य घोषित किया गया है। चार सदस्यीय चुनाव समिति ने इन नामों पर सर्वसम्मति से मुहर लगाई। इस समिति में अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री, सदस्य के तौर पर नेता विपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष और दिल्ली के गृह मंत्री शामिल थे।
बीते साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि दिल्ली में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की तर्ज पर राज्य मानव अधिकार आयोग क्यों नहीं है? इसके बाद बीते 10 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायधीश ने हैरानी जताते हुए पूछा था कि 1993 से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग है लेकिन 22 सालों में दिल्ली में राज्य मानव अधिकार आयोग क्यों नहीं बन पाया? जिसके बाद दिल्ली सरकार हरकत में आई और आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू की।
रिटायर्ड जस्टिस उमानाथ सिंह को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि सामाजिक कार्यकर्ता राज मंगल प्रसाद को इसका सदस्य घोषित किया गया है। चार सदस्यीय चुनाव समिति ने इन नामों पर सर्वसम्मति से मुहर लगाई। इस समिति में अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री, सदस्य के तौर पर नेता विपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष और दिल्ली के गृह मंत्री शामिल थे।
बीते साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि दिल्ली में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की तर्ज पर राज्य मानव अधिकार आयोग क्यों नहीं है? इसके बाद बीते 10 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायधीश ने हैरानी जताते हुए पूछा था कि 1993 से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग है लेकिन 22 सालों में दिल्ली में राज्य मानव अधिकार आयोग क्यों नहीं बन पाया? जिसके बाद दिल्ली सरकार हरकत में आई और आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू की।
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