
नई दिल्ली:
वॉल्वो XC-90,करीब 90 लाख की इस कार का जो हिस्सा टूटा है उसके कुछ टुकड़े पुलिस के पास थे. इन्हीं टुकड़ों से पता लगाना था कि कार कौन सी है और किसकी है. सड़क पर मिले इन सबूतों से यह तो पता चल गया कि कार का मॉडल नंबर वोल्वो XC-90 है लेकिन न तो कार मिल रही थी और न ही मालिक. क्योंकि पुलिस के पास न तो कार का नंबर था, न कोई चश्मदीद और न ही सीसीटीवी फुटेज.
दरअसल 17 -18 सितंबर की रात मोपेड पर सवार हरकेश और उसके दोस्त को इस कार ने ज़ोरदार टक्कर मारी. हादसे में हरकेश की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसका दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गया. हरकेश रेसकोर्स में घुड़सवार था. हादसे के बाद हवा में बातें करती कार एक पुलिस बैरिकेड को टक्कर मारते हुए निकल गई जिससे 2 पुलिसकर्मी भी बाल बाल बच गये. एक पुलिसकर्मी की शिकायत पर अज्ञात शख्स के खिलाफ आईपीसी 304A के तहत मामला दर्ज हुआ.
पुलिस के हाथ सिर्फ कार के पुर्ज़े लगे थे
नई दिल्ली के डीसीपी जतिन नरवाल के मुताबिक वॉल्वो कंपनी से XC-90 SUV मॉडल की उन सभी कारों की डिटेल मांगी गई जो दिल्ली एनसीआर में हैं. पता चला दिल्ली एनसीआर में ऐसी करीब 70 कारें हैं. पुलिस ने एक एक कार की जांच शुरू की और 40 से ज्यादा कारों की जांच करने के बाद पुलिस को यह कार बरामद हुई. कार नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी की पार्किंग में ढक कर रखी गई थी जिसका अगला हिस्सा टूटा मिला. जांच में पता चला की कार का रजिस्ट्रेशन कंपनी के नाम ही है. अब कोई यह बताने को तैयार नहीं की उस रात कार चला कौन रहा था. इसलिए पुलिस ने कंपनी के सभी 5 डायरेक्टर्स को नोटिस जारी कर दिया है जिससे यह साफ़ हो सके की कार चला कौन रहा था, खुद कोई डायरेक्टर या उनका ड्राइवर.
दरअसल 17 -18 सितंबर की रात मोपेड पर सवार हरकेश और उसके दोस्त को इस कार ने ज़ोरदार टक्कर मारी. हादसे में हरकेश की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसका दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गया. हरकेश रेसकोर्स में घुड़सवार था. हादसे के बाद हवा में बातें करती कार एक पुलिस बैरिकेड को टक्कर मारते हुए निकल गई जिससे 2 पुलिसकर्मी भी बाल बाल बच गये. एक पुलिसकर्मी की शिकायत पर अज्ञात शख्स के खिलाफ आईपीसी 304A के तहत मामला दर्ज हुआ.

नई दिल्ली के डीसीपी जतिन नरवाल के मुताबिक वॉल्वो कंपनी से XC-90 SUV मॉडल की उन सभी कारों की डिटेल मांगी गई जो दिल्ली एनसीआर में हैं. पता चला दिल्ली एनसीआर में ऐसी करीब 70 कारें हैं. पुलिस ने एक एक कार की जांच शुरू की और 40 से ज्यादा कारों की जांच करने के बाद पुलिस को यह कार बरामद हुई. कार नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी की पार्किंग में ढक कर रखी गई थी जिसका अगला हिस्सा टूटा मिला. जांच में पता चला की कार का रजिस्ट्रेशन कंपनी के नाम ही है. अब कोई यह बताने को तैयार नहीं की उस रात कार चला कौन रहा था. इसलिए पुलिस ने कंपनी के सभी 5 डायरेक्टर्स को नोटिस जारी कर दिया है जिससे यह साफ़ हो सके की कार चला कौन रहा था, खुद कोई डायरेक्टर या उनका ड्राइवर.
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