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This Article is From May 31, 2017

शहर में फैली गंदगी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी की सड़कों पर लगे कचरे के ढेर के निपटारे में विफलता के लिए बुधवार को दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई है.

शहर में फैली गंदगी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार
दिल्ली की सड़कों पर लगे गंदगी के ढेर पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को फटकार लगाई है
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए नगर निगम को नोटिस जारी किया
EDMC में सफाई कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से हड़ताल पर थे
नगर निगम साफ-सफाई को लेकर कोर्ट में लगाई झूठी रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी की सड़कों पर लगे कचरे के ढेर के निपटारे में विफलता के लिए बुधवार को दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई है. न्यायालय ने नगर निगम को चेतावनी दी है कि अगर वह मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों पर रोकथाम के लिए अदालत द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है तो नगर निगम के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जाएगा.

दिल्ली उच्च न्यायालय की कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने एक समाचार चैनल पर प्रसारित पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में कचरे के ढेर लगे होने वाली रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नगर निगम को नोटिस जारी किया है.

अदालत ने कहा, "आपने (सरकार और नगर निगम) अपने शपथ-पत्रों में कहा था कि आपने दिल्ली के सभी इलाकों को साफ-सुथरा कर दिया है, हालांकि मीडिया में आई ख़बरों से पता चलता है कि चार दिन के बाद भी कचरे का निष्पादन नहीं हो सका है."

अदालत ने आगे कहा, "यह बहुत ही गंभीर मसला है. यह साफ-साफ बताता है कि आप (पूर्वी दिल्ली नगर निगम) क्या कर रहे हैं. डेंगू और चिकनगुनिया पर पेश की गई आपकी स्थिति रिपोर्ट पूरी तरह विरोधाभासी है. यह अदालत की अवमानना के समान है. आप अदालत में झूठी रिपोर्ट नहीं पेश कर सकते. नागरिकों को सिर्फ इसलिए परेशानी नहीं होनी चाहिए कि आपने अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली."

समाचार चैनल द्वारा प्रसारित रिपोर्ट में पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा कचरा निष्पादन के घोषित और वास्तविक तरीकों में विरोधाभासों को दिखाया गया था.

इसके अलावा रिपोर्ट में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन न मिलने, कचरा निष्पादन के समय पहने जाने वाले जूतों, कपड़ों और नालियों को साफ करने के काम आने वाले अन्य उपकरणों के न होने जैसी समस्याएं दिखाई गई थीं.
अदालत ने केंद्रीय एवं दिल्ली शहरी विकास सचिवों एवं नगर के आयुक्तों को संबंधित समाचार देखने की नसीहत भी दी और कहा, "लगातार नजर रखे बिना ये विभाग एक कदम आगे नहीं बढ़ने वाले."

अदालत ने समाचार चैनल से दिल्ली में कचरा निष्पादन को लेकर औचक निरीक्षण करते रहने के लिए कहा है और दो जून तक एक रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है. मामले पर अगली सुनवाई दो जून को होगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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