असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम से राजनीतिक दल के रूप में इसकी मान्यता खत्म करने का आग्रह करने वाली एक याचिका पर जवाब मांगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और एआईएमआईएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका में राजनीतिक दल के रूप में पार्टी की मान्यता खत्म करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया गया है कि यह केवल मुसलमानों से संबंधित मुद्दे उठाती है और धर्म के नाम पर वोट मांगती है. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने शिवसेना के तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और निर्वाचन आयोग से भी जवाब मांगा.
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याचिकाकर्ता ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) को राज्य स्तर की पार्टी के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग के 19 जून 2014 के आदेश को दरकिनार किए जाने का आग्रह किया है. अदालत मामले में अगली सुनवाई तीन दिसंबर को करेगी. याचिकाकर्ता तिरुपति नरसिम्हा मुरारी की ओर से पेश अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने कहा कि पार्टी ने धर्मनरिपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन किया है और हिन्दू देवी-देवताओं के लिए कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया है.
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एआईएमआईएम के वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि इसमें कोई तथ्यात्मक सामग्री नहीं है तथा इसमें लगाए गए आरोप सही नहीं हैं.
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याचिकाकर्ता ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) को राज्य स्तर की पार्टी के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग के 19 जून 2014 के आदेश को दरकिनार किए जाने का आग्रह किया है. अदालत मामले में अगली सुनवाई तीन दिसंबर को करेगी. याचिकाकर्ता तिरुपति नरसिम्हा मुरारी की ओर से पेश अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने कहा कि पार्टी ने धर्मनरिपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन किया है और हिन्दू देवी-देवताओं के लिए कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया है.
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एआईएमआईएम के वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि इसमें कोई तथ्यात्मक सामग्री नहीं है तथा इसमें लगाए गए आरोप सही नहीं हैं.
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