दिल्ली आबकारी नीति केस: विजय नायर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, 20 अक्टूबर को सुनवाई

विजय नायर को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के ठेकों के लाइसेंस के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में गुटबंदी और साजिश में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया.  

दिल्ली आबकारी नीति केस: विजय नायर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, 20 अक्टूबर को सुनवाई

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया.

दिल्ली आबकारी नीति मामले (Delhi Excise Policy case) में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (AAP) के कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर (Vinay Nair) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दिल्ली आबकारी नीति में आरोपी नंबर 5 विजय नायर पिछले 8 दिनों से सीबीआई रिमांड पर थे. उन्हें दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में पेश करते हुए सीबीआई ने कहा कि पूछताछ और जांच के लिए रिमांड को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है. इसलिए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए. इसके बाद कोर्ट ने विजय नायर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी. बता दें कि इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, विजय नायर को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के ठेकों के लाइसेंस के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में गुटबंदी और साजिश में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया.  प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के सहायक अर्जुन पांडे ने नायर की ओर से शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से करीब दो से चार करोड़ रुपये नकद लिए थे.

नायर मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं. उन्हें मनीष सिसोदिया का करीबी माना जाता है. नायर आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज हैं. पार्टी के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार अभियान का जिम्मा भी संभालते हैं. विजय नायर ने दिल्ली और पंजाब में पार्टी के लिए काम किया था. अब गुजरात में भी काम कर रहे हैं.

विजय नायर की ओर से कोर्ट में पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि सीबीआई पूछताछ के नाम पर जरूरी केस डायरी नहीं मेंटेन कर रही है. केस डायरी को सीबीआई कोर्ट के सामने रखे. उन्होंने कहा कि विजय नायर को जबरन जेल में रखा जा रहा है.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि वह नीति वापस ले रही है. इस मामले को लेकर पिछले महीने यानी अगस्त में सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दिल्ली स्थित घर और कई राज्यों में 20 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी. 

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मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी के बाद आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर राजनीतिक द्वेष की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. इसके बाद दोनों पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हो गई थीं. मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर ये आरोप भी लगाया था कि उन्हें बीजेपी ने ऑफर दिया था कि आप छोड़ के बीजेपी में आ जाओ तो सारे केस बंद करवा देंगे. वहीं बीजेपी ने इन आरोपों का खंडन किया था और आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.