उमर अब्दुल्ला को यह बंग्ला 1999 में आवंटित किया गया था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पूर्व पत्नी पायल अब्दुल्ला को दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया. यह आवास उमर को लुटियन जोन में आवंटित किया गया था. उमर अब्दुल्ला को यह बंग्ला 1999 में उस समय आवंटित किया गया था, जब वह जम्मू-कश्मीर से संसद सदस्य थे और केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री बने थे.
जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने दिल्ली के अकबर रोड पर बंगला नंबर सात खाली करने के जम्मू एवं कश्मीर सरकार के एस्टेट अधिकारी द्वारा 30 जून को जारी नोटिस को रद्द करने की पायल की याचिका को खारिज कर दिया. पायल ने अपनी याचिका में कहा कि आवास खाली कराने का नोटिस शहरी विकास मंत्रालय द्वारा नहीं भेजा गया था, जिसने उनके पति को आवास आवंटित किया था.
पायल ने अदालत को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर के एस्टेट अधिकारी द्वारा जारी किया गया नोटिस अवैध है, क्योंकि वह जम्मू एवं कश्मीर राज्य के अधिनियम के तहत जारी किया गया है, जो कि दिल्ली में मान्य नहीं है. पायल ने कहा कि वह और उनके बच्चे अकबर रोड आवास में लगातार रह रहे हैं, जबकि उमर न तो मुख्यमंत्री थे और न ही केंद्रीय मंत्री.
उमर 23 दिसंबर, 2002 तक केंद्रीय मंत्री बने रहे, फिर उन्होंने इस्तीफा दे दिया. बाद में वह जनवरी 2009 में जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री बने और दिसंबर 2014 तक पद पर बने रहे. लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई.
पायल ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर कर 7 अकबर रोड के आवास में अपने बेटों के साथ उन्हें रहने देने की इजाजत देने या कोई अन्य उपयुक्त सरकारी आवास आवंटित करने का निर्देश देने की मांग की है. मामला अभी भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने दिल्ली के अकबर रोड पर बंगला नंबर सात खाली करने के जम्मू एवं कश्मीर सरकार के एस्टेट अधिकारी द्वारा 30 जून को जारी नोटिस को रद्द करने की पायल की याचिका को खारिज कर दिया. पायल ने अपनी याचिका में कहा कि आवास खाली कराने का नोटिस शहरी विकास मंत्रालय द्वारा नहीं भेजा गया था, जिसने उनके पति को आवास आवंटित किया था.
पायल ने अदालत को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर के एस्टेट अधिकारी द्वारा जारी किया गया नोटिस अवैध है, क्योंकि वह जम्मू एवं कश्मीर राज्य के अधिनियम के तहत जारी किया गया है, जो कि दिल्ली में मान्य नहीं है. पायल ने कहा कि वह और उनके बच्चे अकबर रोड आवास में लगातार रह रहे हैं, जबकि उमर न तो मुख्यमंत्री थे और न ही केंद्रीय मंत्री.
उमर 23 दिसंबर, 2002 तक केंद्रीय मंत्री बने रहे, फिर उन्होंने इस्तीफा दे दिया. बाद में वह जनवरी 2009 में जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री बने और दिसंबर 2014 तक पद पर बने रहे. लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई.
पायल ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर कर 7 अकबर रोड के आवास में अपने बेटों के साथ उन्हें रहने देने की इजाजत देने या कोई अन्य उपयुक्त सरकारी आवास आवंटित करने का निर्देश देने की मांग की है. मामला अभी भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है.
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