
- दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार ने कई नए काम किए हैं, हालांकि सभी वादे अभी पूरे नहीं हुए हैं.
- उन्होंने राहुल गांधी की EVM हैकिंग की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में EVM पर सवाल नहीं उठाए गए थे.
- दिल्ली में जल आपूर्ति और ड्रेनेज की समस्याओं के समाधान के लिए मास्टर प्लान बनाए गए हैं, जो पहले नहीं थे.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एनडीटीवी को दिए एक खास इंटरव्यू (CM Rekha Gupta Interview) में आ आदमी पार्टी से लेकर राहुल गांधी, इवीएम हैक और दिल्ली में कूड़े की सफाई और साफ हवा तक कई मुद्दों पर खुलकर बात की. वहीं दिल्ली की जनता से किए सभी वादे पूरा करने पर भी उन्होंने अपनी राय रखी. उन्होंने क्या कुछ कहा सबकुछ डिटेल में पढ़ें.
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मैं जनता की मुख्यमंत्री, हमेशा उनके साथ हूं
मैं यह कहूं कि मैंने दिल्ली में सरकार बनते ही सात महीने में सारे वादे पूरे कर दिए तो यह सच नहीं है. लेकिन हमने बहुत सारे ऐसे काम कर दिए हैं जो दिल्ली में पहले कभी नहीं हुए. जैसे कि पूरा समय के लिए दिल्ली की जनता की मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता के साथ हैं. दूसरी दिल्ली की जितनी समस्याएं हैं उनके समाधान का प्लान बनकर तैयार है और कब तक होगा ये भी तैयार है. दिल्लीवालों की छोटी-छोटी समस्याएं हैं उनके लिए मैं हमेशा उपलब्ध हूं.
राहुल गांधी को रेखा गुप्ता का जवाब
जब तक 70 साल से कांग्रेस EVM का इस्तेमाल कर रही थी तब ठीक था. अब हमने कर लिया तो बुरा लग गया. जब वह जीतते हैं तो जनता का आदेश और हम जीते तो EVM हैक हो गया, ये फ़ॉर्मूला कहां लिखा है. राहुल गांधी ने कहां से पढ़ाई की यह कोई मुझे बता दें. हर समय जनता को गुमराह करना और लोगों के सामने झूठ बोलने के अलावा उन्हें कुछ नहीं आता. वह देश को बार-बार गुमराह करते हैं. उनको जनता ने हर बार मौका दिया है. कांग्रेस ने सालों देश पर राज किया है और आज वह इस तरह की बातें करते हैं.
जो 11 साल घर में छिपे रहे वो हमसे सवाल कर रहे
दिल्ली की आधी आबादी आज भी नल के माध्यम से जल नहीं पी रही है. लोग टैंकर पूरी तरह से निर्भर है. 11 साल की सरकार ने क्या किया इसका उनके पास जवाब नहीं है. राज्य में हमने अब पूरी पाइप लाइन का मास्टर प्लान और ड्रेनेज का मास्टरप्लान बनाकर तैयार किया है. दिल्ली में अभी 1983 ड्रेनेज प्लान बना हुआ है. वह सारे बरसाती मेंढक जो जो बारिश होने पर बाहर निकाल कर आते हैं और कहते हैं कि कितना पानी भरा हुआ है वह खुद 11 साल में अपने कार्यकाल में अपने घरों में छुप के बैठे रहते थे.आज वह हमसे सवाल पूछ रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं. इनके समय पर कोई काम नहीं हुआ, सिर्फ बातें हुई हैं. हम काम शुरू कर चुके हैं. हमारी नीति और नीयत दोनों साफ़ हैं.
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— NDTV India (@ndtvindia) September 20, 2025
कब साफ होगी दिल्ली की यमुना?
सालों से यमुना का पानी साफ नहीं हुआ है लेकिन अब जनता को ये विश्वास है कि यमुना साफ़ होनी शुरू हो गई है. लोगों को यह पता ही नहीं था कि कितने नाले यमुना में गिरते हैं. पर अब हमने नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया है. ऐसा पहले नहीं होता था. हमने नये STP बनाए हैं और 9, हज़ार करोड़ की लागत से वो सारे काम शुरू कर दिए हैं जिसमें से क़रीब 4 हज़ार करोड़ के काम इसी सेवा पखवाड़े में हमने शुरू किए हैं, जिससे यमुना साफ़ हो सके.
बदसलूकी मामले पर क्या बोलीं सीएम रेखा?
बदसलूकी मामले पर सीएम रेखा ने कहा कि हम जनता के बीच में रहते हैं इसलिए हमें आदत है लोगों के बीच में रहने की और उनसे बात करने की. मैं अपनी सिक्योरिटी की बात नहीं सुनती थी और जनसुनवाई में हर समय लोगों के साथ रहती थी. वहां लोगों की चेकिंग नहीं होती. हज़ारों लोग मिलने आते थे और मैं भी उस समय सबके साथ खड़ी रहती थी. मुझे टेबल या लोगों से दूर होना अच्छा नहीं लगता है. इसलिए एकदम सामने से खड़े होकर लोग मुझसे बात करते थे. उन्होंने कहा कि उस दिन से जो हादसा हुआ उससे हमें समझ में आ गया कि सिक्योरिटी होना और उनकी बात को समझना बहुत ज़रूरी है . क्रिमिनल या फिर सिरफिरे लोगों के मिलने की वजह से मैं जनता से दूर नहीं रहूंगी. मैं जनता के बीच में और उनकी सीएम बनकर रहूंगी.
लेकिन उस दिन जो भी हुआ मुझे भी थोड़ा बुरा लगा. जो व्यक्ति आपके राज्य का नहीं है और उसका पीछे क्रिमिनल रिकॉर्ड है और वह इस तरह की हरकत करेगा तो उसके लिए मैं ढाई करोड़ की जनता को उपेक्षित नहीं करूंगी. मैं उसी फ़ॉर्मूला पर चलूंगी और दुनिया चाहे बदले मैं बदलने वाली नहीं हूं.
ABVP की जीत से गदगद
दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनाव सीएम रेखा गुप्ता ने ख़ुशी जताते हुए कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि ABVP ने आगे बढ़कर एक बार फिर से जीत हासिल की है. हमारे तीन पदाधिकारी जीते हैं. हम चाहेंगे कि आगे और काम करें और जहां उन्हें अपनी मुख्यमंत्री दीदी की ज़रूरत होगी मैं उनके लिए हमेशा तैयार हूं.
Gen Z किसके साथ है ये पता चल गया
Gen Z किसके साथ हैं ये ABVP की जीत के बाद सबको पता लग गया है. कांग्रेस को जनता पसंद नहीं करती ये जीत उस बात का सबूत है. वह अपना इल्ज़ाम सब पर लगाते रहते हैं. पहले उनको खुद के गिरेबान में झांककर देखना चाहिए कि उन्होंने जनता के लिए किया क्या है. उन्होंने लगातार देश को लूटा और खसोटा. ब जब जनता आपको दुत्कार रही है और हरा रही है तो फिर आप बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.
महिलाओं को बीजेपी से ज्यादा मौका किसी ने नहीं दिया
चुनावी राजनीति में महिलाओं को जितना मौक़ा बीजेपी में मिलता है उतना किसी पार्टी में नहीं मिलता. मैं यह इसलिए नहीं कह रही हूं कि बीजेपी ने मेरी जैसी कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री बना दिया. बल्कि एक आम आदमी के नाते मैं यह कह रही हूं. जब तक इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहीं उनके मंत्रिमंडल में एक भी महिला नहीं थी. उन्होंने एक भी महिला को मौक़ा नहीं दिया और आम आदमी पार्टी में तो महिला और कल्याण विकास भी पुरुष भी देखते थे. उन्होंने तो अपनी सांसद स्वाति मालिवाल के साथ मारपीट भी की थी. सिर्फ़ BJP है जो राष्ट्रपति से लेकर वित्त मंत्री या फिर मुख्यमंत्री तक मत महिलाओं को मौक़ा देती है. उज्जवला से लेकर शौचालय तक, सारे काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किए हैं.
पीएम मोदी मजबूत पिता की तरह
PM साहब की जो शख़्सियत कमाल की है. वह एक राजनेता होने के साथ ही मुझे संत भी लगते हैं. . वह इस कदर ज़मीन से जुड़े हुए हैं कि ऐसा लगता है कि कोई बहुत ही मज़बूत पिता हैं जो हर तरह के फ़ैसले ले सकता है. दूसरे ही पल वह एक संवेदनशील मां जैसे लगते हैं, जो कहती है कि अपना ध्यान रखा करो, भोजन समय पर किया करो, ध्यान और योग किया करो, पढ़ाई किया करो.
मैं सबसे ज़्यादा अगर कुछ मिस करती हूं तो वह सड़क पर गाड़ी रोककर कहीं भी रुक जाना और कुछ भी खाना, शॉपिंग कर लेना, दोस्तों के साथ बैठकर गपशप करना या फिर परिवार के साथ ख़ूब सारा समय बिताना है. लेकिन अब लगता है कि आपका हर एक मिनट जनता का है और इसीलिए मैंने उस रेखा को पीछे छोड़ दिया है. मैं इस राज्य की बहन के नाते आगे बढ़कर उन सारी ज़िम्मेदारियों को निभाने की कोशिश कर रही हूं. मेरा सबकुछ मेरे लेगों का है.
कौन है दिल्ली की मौसी ?
हमने जो अभी आंगनवाड़ी की योजना बनाई है उसमें सबको संभालने वाली कामकाजी बहों को मौसी नाम दिया है. अब वे सबकी मौसी हैं कोई स्टाफ़ या आंगनवाड़ी वर्कर नहीं है. क्योंकि वे अपनी बहनों के बच्चों को पाल रही है और ये बहुत बड़ा काम है.
मेरी सास मुझे बहुत प्यार करती हैं, वह आज भी मुझे फ़ोन करके बताती है कि ये व्र्त या पूजा कर लेना. वह मेरा बहुत ख्याल रखती हैं. मैं अपने पति से बार-बार कहती हूं कि देखिए आपकी पत्नी अब मुख्यमंत्री है तो थोड़ा बहुत काम आपको भी करना पड़ेगा. अपने कपड़े ठीक से रखने जैसे काम आपको खुद ही करने होंगे. वहीं बच्चे शिकायत करते हैं कि मम्मी दो दिन हो गए बात नहीं हुई. सोशल मीडिया की वजह से मेरे बच्चों को पता रहता है कि मैं कहा हूं. उनको भी पता है कि अब मां की जिम्मेदारियां बढ़ गई है.
कब हटेगा दिल्ली का कूड़ा?
हमारा पूरा फ़ोकस कूड़े का पहाड़ कम करने पर है. दिल्ली में हर रोज़ क़रीब 12, हज़ार मेट्रिक टन कूड़ा आता है, लेकिन सिर्फ़ सात हज़ार मेट्रिक टन ही हटाया जाता है. यह सबसे बड़ी चुनौती है. यह लगातार बढ़ता चला जाता है. इसलिए अब हमारा टारगेट हर रोज़ 15, हज़ार मेट्रिक टन कूड़ा उठाना है. तब जाकर यह थोड़ा कम होगा. अब कूड़े के पहाड़ छोटे हो गए हैं और वहां पर हमने पेड़ लगाए हैं. हमें पता है कि हम जैसे ही इसे ज़ीरो वेस्ट पर लेकर आएंगे वैसे ही हवा भी बेहतर हो जाएगी और कूड़ा कम हो जाएगा.
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