- फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले में डॉ. शाहीन को लेकर उसके साथ काम करने वाले प्रोफेसर ने बड़े खुलासे किए हैं.
- अल फलाह यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने बताया कि डॉ. शाहीन अनुशासनहीन थी और बिना सूचना दिए चली जाती थी.
- प्रोफेसर के मुताबिक, डॉ. शाहीन का व्यवहार अजीब था और इसकी वजह से मैनेजमेंट को शिकायतें भी मिली थीं.
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले में पुलिस डॉ. शाहीन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. दिल्ली ब्लास्ट से भी उसके तार जुड़ रहे हैं. शाहीन से जुड़े नए-नए खुलासे हो रहे हैं. उसके पिता के बयान के बाद अब अल फलाह यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने शाहीन को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. वह कैसी थी. लोगों के साथ उसका व्यवहार कैसा था. क्या उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगती थीं, प्रोफेसर ने NDTV को हर एक बात बताई है.
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यूनिवर्सिटी के प्रोफसर ने खोली शाहीन की पोल
अल फलाह यूनिवर्सिटी के प्रोफसर ने शाहीन की पोल खोलकर रख दी है. उन्होंने बताया कि डॉ. शाहीन अनुशासन में बिल्कुल भी नहीं रहती थी. वह किसी को भी बताए बिना ही चली जाती थी. जाने से पहले वह किसी को इंफॉर्म करना भी जरूरी नहीं समझती थी. प्रोफेसर का कहना है कि डॉ. शाहीन से मिलने कॉलेज में कई लोग आते थे. उसका व्यवहार भी कुछ अजीब सा ही लगता था. इस बारे में मैंनेजमेंट से शिकायक तक की गई थी.
शाहीन के पुराने रिकॉर्ड भी निकाले जाएं
शाहीन की पोल खोलने वाले प्रोफेसर ने कहा कि NIA अब मामले की जांच करने जा रही है. वे सभी लोग जांच में पूरा सहयोग करेंगे. यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की मांग है कि शाहीन के पुराने रिकॉर्ड भी निकालने चाहिए, ताकि ये पता चल सके कि वह कहां- कहां पर जॉब कर चुकी हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि शाहीन पर उनको इस तरह से शक कभी नहीं हुआ कि वह टेरर मॉड्यूल से जुड़ी हो सकती है.
हिरासत में लिए गए 6 डॉक्टर्स में ज्यादातर जूनियर्स
अल फलाह यूनिवर्सिटी के सूत्रों के मुताबिक, डॉ शाहीन, डॉ उमर और डॉ मुजम्मिल ही तीनो सीनियर डॉक्टर्स हैं. वहीं मंगलवार को जिन 6 लोगों को यूनिवर्सिटी से हिरासत में लिया गया है, वे ज्यादातर जूनियर डॉक्टर्स हैं. उन्होंने बताया कि इस यूनिवर्सिटी में 40% डॉक्टर्स कश्मीर से हैं. यहां एमबीबीएस का कोर्स साल 2019 से शुरू हुआ था. जबकि यूनिवर्सिटी ट्रस्ट की स्थापना 1999 में हुई थी.
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