(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ दायर शिकायत खारिज कर दी. शिकायत में ईरानी पर आरोप लगाया गया था कि 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए नामांकन - पत्र दाखिल करते वक्त उन्होंने चुनाव आयोग को गलत जानकारियां दी थी. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ( एसीएमएम ) समर विशाल ने शिकायत खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता एवं सोशलिस्ट पार्टी ( इंडिया ) की दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष रेणु गंभीर कई तारीखों पर अदालत में पेश नहीं हुईं , जिसके कारण उनकी गवाही अधूरी है.
यह भी पढ़ें : फेक न्यूज देने पर पत्रकार की रद्द होगी मान्यता, कांग्रेस ने उठाए सरकार की मंशा पर सवाल तो स्मृति ईरानी ने दिया जवाब
अदालत ने कहा, ‘आरोप इस बारे में है कि चुनाव आयोग के निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के समक्ष समय - समय पर गलत जानकारी दी गई. शिकायतकर्ता ने कई तारीखों से मामले में पेश होना बंद कर दिया है. ’ न्यायाधीश ने कहा, ‘गवाह के तौर पर आंशिक रूप से उनका परीक्षण हुआ, लेकिन उनकी गवाही अधूरी है और अदालत के नोटिस के बाद भी वह पेश नहीं हुई हैं. ऐसा लगता है कि वह अपने मामले को अब और आगे नहीं ले जाना चाहतीं. शिकायतकर्ता के अब तक दर्ज बयान के आधार पर सम्मन आदेश पारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह अधूरा है. लिहाजा, शिकायत खारिज की जाती है.’
VIDEO : फेक न्यूज पर रद्द होगी पत्रकारों की मान्यता, I&B मंत्रालय की नई गाइडलाइन
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि ईरानी ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी शिक्षा के बाबत गलत और विरोधाभासी सूचनाएं दी थी. गंभीर ने ईरानी के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 125 ए के अलावा आईपीसी की धारा 177, 199, 417, 418, 463 और 464 के तहत शिकायत दाखिल की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह भी पढ़ें : फेक न्यूज देने पर पत्रकार की रद्द होगी मान्यता, कांग्रेस ने उठाए सरकार की मंशा पर सवाल तो स्मृति ईरानी ने दिया जवाब
अदालत ने कहा, ‘आरोप इस बारे में है कि चुनाव आयोग के निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के समक्ष समय - समय पर गलत जानकारी दी गई. शिकायतकर्ता ने कई तारीखों से मामले में पेश होना बंद कर दिया है. ’ न्यायाधीश ने कहा, ‘गवाह के तौर पर आंशिक रूप से उनका परीक्षण हुआ, लेकिन उनकी गवाही अधूरी है और अदालत के नोटिस के बाद भी वह पेश नहीं हुई हैं. ऐसा लगता है कि वह अपने मामले को अब और आगे नहीं ले जाना चाहतीं. शिकायतकर्ता के अब तक दर्ज बयान के आधार पर सम्मन आदेश पारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह अधूरा है. लिहाजा, शिकायत खारिज की जाती है.’
VIDEO : फेक न्यूज पर रद्द होगी पत्रकारों की मान्यता, I&B मंत्रालय की नई गाइडलाइन
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि ईरानी ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी शिक्षा के बाबत गलत और विरोधाभासी सूचनाएं दी थी. गंभीर ने ईरानी के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 125 ए के अलावा आईपीसी की धारा 177, 199, 417, 418, 463 और 464 के तहत शिकायत दाखिल की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं