
- ABVP ने कांग्रेस पर दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंसा और अशांति फैलाने का गंभीर आरोप लगाया.
- एबीवीपी ने कहा कि कांग्रेस और एनएसयूआई बाहरी तत्वों को लाकर परिसर में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
- एबीवीपी ने दिल्ली पुलिस से मांग की है कि बाहरी लोगों की विश्वविद्यालय में प्रवेश पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के बीच कैंपस में छात्रों के हंगामे और आपस में भिड़ने को लेकर अखिल भारतीय विद्याथी परिषद ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है. एबीवीपी ने कहा कि कांग्रेस के नेता कैंपस का माहौल दूषित कर रहे हैं. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं की हिंसक राजनीति से कैंपस में भय का वातावरण बढ़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट विश्वविद्यालय पहुंचे थे और उनके साथ भारी संख्या में अन्य लोग बाहरी लोग मौजूद थे, जिससे छात्रों में दहशत का माहौल बन गया है.
एबीवीपी दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा,"कांग्रेस और एनएसयूआई द्वारा विश्वविद्यालय में बाहरी तत्वों को लाकर हिंसा और अराजकता फैलाना बेहद निंदनीय है. डीयू का कैंपस अध्ययन और सकारात्मक छात्र राजनीति का केंद्र है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं की दखलंदाजी ने इसे असुरक्षित बना दिया है. एबीवीपी पूरी ताकत से छात्रों की सुरक्षा और हितों के लिए संघर्षरत है तथा हम विश्वविद्यालय परिसर को सुरक्षित और सकारात्मक बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
एनएसयूआई पर हिंसक राजनीति का आरोप
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता कैंपस में अपने साथ बाहरी भीड़ लेकर प्रवेश कर रहे हैं, जिनका न तो छात्रसंघ से कोई सरोकार है और न ही छात्रों की समस्याओं से. इस कारण छात्राएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि हाल ही में एनएसयूआई के पूर्व संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी से मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ था, जो कैंपस में हिंसक राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है.
दिल्ली पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग
साथ ही कहा कि कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा दक्षिण कैंपस में एनएसयूआई समर्थित उम्मीदवार का प्रचार करते दिखाई दिए, जिसके कारण कॉलेज से घर लौटने वाले छात्रों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा.
एबीवीपी ने कांग्रेस नेताओं के हस्तक्षेप की निंदा की और दिल्ली पुलिस से बाहरी लोगों की एंट्री पर सख्त कार्रवाई की मांग की.
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