दिल्ली विश्वविद्यालय (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली विश्वविधालय का नया वाइस चांसलर कौन होगा यह एक लाख टके का सवाल बन चुका है। खबर है कि नए वीसी के लिए बनी सर्च कमेटी ने चार लोगों के नाम चुने हैं। चुने गए चार नामों को ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय भेजा जाएगा। बाद में मंत्रालय के जरिए यह नाम राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इन्ही में से एक डीयू का नया वीसी होगा। लेकिन इसमें से एक नाम को लेकर विरोध शुरू हो गया है। महिला संगठनों के साथ-साथ डीयू से जुड़े शिक्षक संगठनों ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है।
चार नामों में से होगा एक का चयन
सूत्रों के मुताबिक वीसी के लिए चार लोगों में डीयू के पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर विद्युत चक्रवर्ती, जेएनयू के डिपार्टमेंट ऑफ जेनेटिक्स में रामेश्वर नाथ कौल, इग्नू के पूर्व प्रो वीसी सुषमा यादव और नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी के डायरेक्टर योगेश सिंह का भी नाम शामिल है।
प्रतिस्पर्धा में आरोप-प्रत्यारोप
डीयू के विद्युत चक्रवर्ती पर सैक्सुअल हैरासमेंट पर आरोप है। दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद और बंगलुरु के शिक्षकों के अलावा आठ महिलाओं से जुड़ी संस्थाओं ने इसके खिलाफ राष्ट्रपति तक को चिट्ठी लिख दी है। उन्होंने प्रो चक्रवर्ती के खिलाफ लगे आरोपों को गंभीरता से लेने को कहा है। डीयू के एनडीटीएफ से जुड़े स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में इतिहास पढ़ाने वाले सूरज यादव ने कहा कि अगर ऐसे लोग डीयू के वीसी बन जाएंगे तो यह विश्वविधालय गर्त में चला जाएगा। इस बारे में जब प्रोफेसर चक्रवर्ती से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कोई जवाब तक नहीं दिया।
विवि की गरिमा का सवाल
सुषमा यादव को संघ का करीबी माना जा रहा है तो योगेश सिंह का पहले गुजरात में एमएस यूनिवर्सिटी में वीसी होना उनके पक्ष में जा रहा है। इससे पहले डीयू के विवादों से घिरे पूर्व वीसी दिनेश सिंह इसी साल 28 अक्टूबर को रिटायर हो गए। तब से लेकर आज तक डीयू को नया वीसी नहीं मिल पाया है। डीयू के शिक्षकों और विद्यार्थियों का कहना है कि डीयू को एक ऐसा वीसी चाहिए जो इसकी गरिमा को फिर से बहाल कर सके। वह महिलाओं और दलितों के मुद्दों पर न केवल संवेदनशील हो बल्कि उसकी खुद की छवि भी बेदाग और प्रेरणादायी हो।
चार नामों में से होगा एक का चयन
सूत्रों के मुताबिक वीसी के लिए चार लोगों में डीयू के पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर विद्युत चक्रवर्ती, जेएनयू के डिपार्टमेंट ऑफ जेनेटिक्स में रामेश्वर नाथ कौल, इग्नू के पूर्व प्रो वीसी सुषमा यादव और नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी के डायरेक्टर योगेश सिंह का भी नाम शामिल है।
प्रतिस्पर्धा में आरोप-प्रत्यारोप
डीयू के विद्युत चक्रवर्ती पर सैक्सुअल हैरासमेंट पर आरोप है। दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद और बंगलुरु के शिक्षकों के अलावा आठ महिलाओं से जुड़ी संस्थाओं ने इसके खिलाफ राष्ट्रपति तक को चिट्ठी लिख दी है। उन्होंने प्रो चक्रवर्ती के खिलाफ लगे आरोपों को गंभीरता से लेने को कहा है। डीयू के एनडीटीएफ से जुड़े स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में इतिहास पढ़ाने वाले सूरज यादव ने कहा कि अगर ऐसे लोग डीयू के वीसी बन जाएंगे तो यह विश्वविधालय गर्त में चला जाएगा। इस बारे में जब प्रोफेसर चक्रवर्ती से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कोई जवाब तक नहीं दिया।
विवि की गरिमा का सवाल
सुषमा यादव को संघ का करीबी माना जा रहा है तो योगेश सिंह का पहले गुजरात में एमएस यूनिवर्सिटी में वीसी होना उनके पक्ष में जा रहा है। इससे पहले डीयू के विवादों से घिरे पूर्व वीसी दिनेश सिंह इसी साल 28 अक्टूबर को रिटायर हो गए। तब से लेकर आज तक डीयू को नया वीसी नहीं मिल पाया है। डीयू के शिक्षकों और विद्यार्थियों का कहना है कि डीयू को एक ऐसा वीसी चाहिए जो इसकी गरिमा को फिर से बहाल कर सके। वह महिलाओं और दलितों के मुद्दों पर न केवल संवेदनशील हो बल्कि उसकी खुद की छवि भी बेदाग और प्रेरणादायी हो।
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