दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा, ''जो अनुमान लगाया गया था उसके मुताबिक 15 जुलाई तक यानी आज तक सवा दो लाख मामले कोरोना के होने थे. यह केंद्र सरकार का फार्मूला था जिसके तहत ही अनुमान लगाया गया था. इस हिसाब से इस समय 1,34,000 एक्टिव मामले होने चाहिए थे. केंद्र सरकार दिल्ली सरकार और सब लोगों ने मिलकर जो प्रयास किए उसके चलते आज केवल 1 लाख 15 हजार मामले दर्ज हुए हैं.''
सीएम केजरीवाल ने कहा, ''1,34,000 एक्टिव मामले होने का अनुमान था लेकिन आज 18,600 मामले एक्टिव हैं. 34,000 बेड का अनुमान था, आज 4,000 बेड भरे हैं. हमने 15,000 बेड का इंतजाम कर लिया है. आज स्थिति काफी अच्छी नजर आ रही है लेकिन मैं बार-बार कहता हूं कि कभी भी कोरोना बढ़ सकता है इसकी तैयारी रखनी है.''
उन्होंने कहा, ''आज की स्थिति के लिए मैं सब का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं खासतौर से दिल्ली के दो करोड़ लोगों को जिन लोगों ने कोरोना पर काबू पाने में मदद की उन सब का शुक्रिया.''
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जिन 3 सिद्धांतों पर काम किया, उसके बारे में भी डिटेल में बताई. उन्होंने कहा, ''पिछले डेढ़ महीने में हमने 3 सिद्धांतों पर काम किया. पहला- कोरोना से अकेले नहीं जीत सकते, इसलिए हमने सब का साथ मांगा. केंद्र सरकार का होटल वालों का बैंक्वेट हॉल वालों का धार्मिक संस्थानों का सबका साथ मांगा. दूसरा- जब स्थिति खराब थी तो जब हमारी आलोचना होती थी या जब मीडिया हमारी कमी निकालता था तब हम गुस्सा नहीं हुए. हमने सुधार किया. LNJP में कमियां निकाली जा रही थी हमने एक-एक कमी ठीक की. जिन पत्रकारों ने कमियां निकाली हमने उनको फोन करके पूछा और अपनी कमियां दूर की. आज देखिए लोकनायक अस्पताल में इतनी कमियां निकाली जा रही थी और आज लोकनायक अस्पताल की स्थिति देखिए. हमने कभी अपने आलोचकों की बात का बुरा नहीं माना.''
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''तीसरा सिद्धांत- हमने हार नहीं मानी. कैसी भी स्थिति रही हमने हार नहीं मानी और हम लगे रहे. प्रधानमंत्री जी ने भी दिल्ली मॉडल की तारीफ की है. यह दिल्ली मॉडल आखिर है क्या? दिल्ली मॉडल की बुनियाद है मिलकर काम करना यानी टीम वर्क. हमने होम आइसोलेशन शुरू किया. होम आइसोलेशन में जो मरीज होते थे उनको हमारी डॉक्टर की टीम सब कुछ बता कर आती थी. मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर दिया गया और कहा कि अगर आपकी ऑक्सीजन कम हो जाए तो हमें फोन कर देना.''
उन्होंने कहा, ''जब तक होम आइसोलेशन वाला मरीज ठीक नहीं हो जाता तब तक रोज उनको फोन जाता है. दिल्ली में होम आइसोलेशन इतनी शानदार तरीके से लागू किया कि हर तरफ उसकी चर्चा है. पहले लोग टेस्ट से डरते थे क्योंकि उनको लगता था कि पॉजिटिव होने पर कहीं क्वारंटीन सेंटर में ना डाल दें. आज भी कई राज्यों में ऐसा ही चल रहा है. लोग टेस्ट नहीं कराते और घूमते रहते हैं और दूसरे लोगों को संक्रमित करते रहते हैं. होम आइसोलेशन की वजह से लोग अब टेस्ट करवा रहे हैं.''
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में मौत के आंकड़े काफी कम हो गए हैं. जून के महीने में 101 मौत हुई थी. अब रोजाना 30 से 35 मौत हो रही हैं, हालांकि यह भी नहीं होनी चाहिए हम इसको भी कम करेंगे. हमें देखा की मौत क्यों हो रही है तो पाया की पहली वजह है टेस्टिंग. टेस्ट होने में समय लग रहा था इसलिए दे रही हो जा रही थी. एंबुलेंस की कमी थी लेकिन हमने आज इतनी एंबुलेंस का इंतजाम कर लिया है कि सभी लोगों को जो फोन करते हैं उनको एंबुलेंस दी जाती है. पहले 2 घंटे लग जाते थे आज आधे घंटे में एंबुलेंस आ रही है.
उन्होंने कहा, ''पहले अस्पताल में औपचारिकताएं पूरी करने में 2 से 4 घंटे लग जाया करते थे और एंबुलेंस में मरीज की मौत हो जाए करती थी अब हमने इंतजाम कर दिया है कि सबसे पहले मरीज अस्पताल के होल्डिंग एरिया में जाएगा और पहले उसको ऑक्सीजन दी जाएगी और कागजी कार्रवाई बाद में की जाएगी. हमने बेड का इंतजाम किया। 1 जून को दिल्ली में 4100 थे आज 15,000 से ज्यादा पेड़ हैं 4 गुना बढ़ बढ़ गए हैं. ICU बेड्स भी बढ़ाए हैं. अब बेड और आईसीयू की कोई कमी नहीं है.''
प्लाज्मा ट्रायल को लेकर केजरीवाल ने कहा, ''अच्छे नतीजे आए उसके बाद हमने प्लाज्मा बैंक शुरू किया, जिसको प्लाज्मा चाहिए वह वहां से ले सकता है. जून के मुकाबले आज हम बेहतर स्थिति में हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जंग जीत ली गई है. अभी रास्ता बहुत लंबा बाकी है कभी भी कोरोना फिर से बढ़ सकता है. हमें बिल्कुल भी हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठना. हमेशा मास्क पहनकर घूमना है. सामाजिक दूरी बनाए रखनी है. हाथ धोते रहना है अपनी सुरक्षा अपने हाथ में हैं.''
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