भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए 27 फरवरी को नये सिरे से चुनाव कराये जाने पर रोक लगाने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का शनिवार को स्वागत किया. साथ ही, कहा कि यह ‘‘न्याय की दिशा में एक कदम'' है. भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि महापौर शैली ओबेरॉय ने नये सिरे से यह चुनाव कराने की शुक्रवार को ‘‘गलत, अनैतिक और असंवैधानिक'' घोषणा की थी.
उन्होंने कहा, ‘‘अब, उच्च न्यायालय ने इस असंवैधानिक कदम पर रोक लगा दी है. और, यह एक अच्छा फैसला है, जो लोकतंत्र को कायम रखेगा। हम इस रोक का स्वागत करते हैं। सच्चाई की जीत होगी.'' भाजपा की पार्षद एवं इस चुनाव में पार्टी के तीन उम्मीदवारों में शामिल कमलजीत सहरावत ने कहा कि अदालत की रोक का यह मतलब है कि ‘‘हमारी मांगें वैध हैं.''
भाजपा पार्षद शिखा राय ने आरोप लगाया कि महापौर शैली ओबेरॉय ने शुक्रवार को एक तानाशाह जैसा व्यवहार किया और परिणामों की घोषणा नहीं की, जबकि तकनीकी विशेषज्ञों ने इसके दस्तावेज सौंप दिये थे. न्यायमूर्ति गौरंग कंठ ने शनिवार को एक विशेष सुनवाई में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि 24 फरवरी को हुए चुनाव के परिणाम घोषित किये बगैर महापौर सोमवार को नये सिरे से चुनाव करा रही हैं, जो नियमों का उल्लंघन है.
उच्च न्यायालय ने पिछले चुनाव के परिणाम घोषित किये बगैर नये सिरे से चुनाव कराने के निर्णय को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर निर्वाचन अधिकारी और अन्य को नोटिस जारी किया.
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