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पेशे से जनसंपर्क अधिकारी इम्तियाज आलम को 20,000 रुपये की जरूरत थी
पैसे निकालने के लिए वह जामिया को-ऑपरेटिव बैंक की कतार में 4 घंटे खड़े रहे
मैनेजर ने नोटों की कमी के कारण उन्हें 10-10 के सिक्कों में 20,000 रु. दिए
पेशे से जनसंपर्क अधिकारी आलम 500 और 1000 रुपये के अपने पुराने नोट बदलवाने शुक्रवार को जामिया को-ऑपरेटिव बैंक गए थे, लेकिन बैंक मैनेजर ने उन्हें बताया कि फंड की कमी है और वह बस 2000 रुपये तक ही बदलवा सकते हैं. लेकिन आलम ने जब मैनेजर को बताया कि उन्हें 20,000 रुपये की सख्त जरूरत है, तो मैनेजर तैयार तो हो गए, लेकिन एक शर्त के साथ कि वह उन्हें 10 रुपये के सिक्कों में ही उतने पैसे दे सकते हैं.
आलम बताते हैं, 'पहले मैंने सोचा कि इसे (सिक्कों से भरी थैलियों को) लेकर मैं जाऊंगा कैसे, लेकिन मैं तैयार हो गया... आखिर थे तो ये वैध पैसे ही.' उन्होंने इनमें से कुछ सिक्कों से रेस्त्रां के बिल और टैक्सी किराया चुका दिया. इसके साथ वह इन सिक्कों से 2,000 रुपये का छुट्टा देने का भी ऑफर दिया है.
गौरतलब है कि देश में कालेधन पर अंकुश लगाने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती 8 नवंबर आधी रात के बाद से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने की घोषणा की थी. इसके बाद से कई लोग भारी नकदी संकट से जूझ रहे हैं और बैंकों एवं एटीएम की कतार में खड़े हैं. हालांकि सरकार ने उनकी मुसीबतें कम करने के लिए इन 10 दिनों में कई कदम उठाए हैं.
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