नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को कहा गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक साक्षात्कार में दिल्ली के पुलिसकर्मियों के लिए कथित रूप से अपमानजनक शब्द ‘ठुल्ला’ का इस्तेमाल कर शालीनता की सभी सीमाओं को पार कर दिया.
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के समक्ष दाखिल अपने जवाब में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अनिल कुमार तनेजा ने केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें सम्मन करने के निचली अदालत के एक आदेश पर रोक लगाने और उसे रद्द करने की मुख्यमंत्री की याचिका को खारिज करने की मांग की.
आप नेता के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दाखिल करने वाले तनेजा ने दावा किया कि केजरीवाल ने पुलिसकर्मियों के लिए ‘ठुल्ला’ शब्द का इस्तेमाल कर जानबूझकर पूरे दिल्ली पुलिस बल को अपमानित किया है और दिल्ली में पुलिसकर्मियों को अनावश्यक रूप से उत्तेजित किया.
वकील एलएन राव के माध्यम से दाखिल याचिका में तनेजा ने कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री, जो एक संवैधानिक पद है, पद पर रहते हुए याचिकाकर्ता (केजरीवाल) का जनता के बीच अच्छा प्रभाव और संपर्क है. उनके शब्द निश्चित रूप से व्यापक तौर पर जनता पर और दिल्ली पुलिस के जवानों पर असर डालते हैं." उन्होंने कहा, "इस तरह ऐसे अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करके उन्होंने शालीनता की सभी सीमाएं पार कर दीं. उन्होंने एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय हिंदी समाचार चैनल पर, वो भी प्राइम टाइम पर प्रसारित एक साक्षात्कार में ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया."
केजरीवाल की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए तनेजा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के शब्द आम जनता की नजरों में उनकी साख खराब करने के लिए काफी हैं और इसने दिल्ली पुलिस की छवि भी कमजोर की. इस बीच सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय मांगा.
अदालत ने अगली सुनवाई के लिए अगले साल 21 फरवरी की तारीख तय की. अदालत ने पहले कांस्टेबल को नोटिस जारी किया था और मुख्यमंत्री की याचिका पर उनका जवाब मांगा. उच्च न्यायालय ने जुलाई में केजरीवाल से 'ठुल्ला' शब्द का अर्थ बताने को कहा था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के समक्ष दाखिल अपने जवाब में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अनिल कुमार तनेजा ने केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें सम्मन करने के निचली अदालत के एक आदेश पर रोक लगाने और उसे रद्द करने की मुख्यमंत्री की याचिका को खारिज करने की मांग की.
आप नेता के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दाखिल करने वाले तनेजा ने दावा किया कि केजरीवाल ने पुलिसकर्मियों के लिए ‘ठुल्ला’ शब्द का इस्तेमाल कर जानबूझकर पूरे दिल्ली पुलिस बल को अपमानित किया है और दिल्ली में पुलिसकर्मियों को अनावश्यक रूप से उत्तेजित किया.
वकील एलएन राव के माध्यम से दाखिल याचिका में तनेजा ने कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री, जो एक संवैधानिक पद है, पद पर रहते हुए याचिकाकर्ता (केजरीवाल) का जनता के बीच अच्छा प्रभाव और संपर्क है. उनके शब्द निश्चित रूप से व्यापक तौर पर जनता पर और दिल्ली पुलिस के जवानों पर असर डालते हैं." उन्होंने कहा, "इस तरह ऐसे अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करके उन्होंने शालीनता की सभी सीमाएं पार कर दीं. उन्होंने एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय हिंदी समाचार चैनल पर, वो भी प्राइम टाइम पर प्रसारित एक साक्षात्कार में ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया."
केजरीवाल की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए तनेजा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के शब्द आम जनता की नजरों में उनकी साख खराब करने के लिए काफी हैं और इसने दिल्ली पुलिस की छवि भी कमजोर की. इस बीच सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय मांगा.
अदालत ने अगली सुनवाई के लिए अगले साल 21 फरवरी की तारीख तय की. अदालत ने पहले कांस्टेबल को नोटिस जारी किया था और मुख्यमंत्री की याचिका पर उनका जवाब मांगा. उच्च न्यायालय ने जुलाई में केजरीवाल से 'ठुल्ला' शब्द का अर्थ बताने को कहा था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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