प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार ने अब मच्छरों से खुद लोहा लेने की ठानी है. फॉगिंग का जो काम अब तक नगर निगम और नगर पालिका परिषद किया करती थी, अब दिल्ली सरकार करेगी.
दिल्ली सरकार के कर्मचारी किराये की फॉगिंग मशीन लेकर मच्छर मारने निकल पड़े हैं. हर कोई अपनी छोटी या बड़ी मशीनों के साथ मच्छरों से लोहा लेने को तैयार है. इरादा 70 विधानसभा के हर कोने तक पहुंचने का है. शुरुआत करीब 200 मशीनों से हुई है, जबकि कोशिश हफ्ते भर में 600 मशीनों के इस्तेमाल की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि आरोप प्रत्यारोप से कुछ नहीं होता, लिहाजा यह पहल हमने की है.
अब तक मच्छरों के खिलाफ नगर निगम या फिर नगरपालिका परिषद ही फॉगिंग किया करती थी, लेकिन अब जब मच्छर जनित बीमारियों को लेकर दिल्ली एनसीआर में कम से कम 33 लोगों की मौत हो चुकी है, तब दिल्ली सरकार ने खुद मच्छरों के खात्मे को लेकर मोर्चा थामा है.
हालांकि डेंगू एवं चिकनगुनिया के मामलों को लेकर इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी का कहना है कि पिछले साल से इस साल प्लेटलेट्स की मांग 4 से 5 गुना कम है. पिछले साल अगस्त में 837 यूनिट प्लेटलेट्स के मुकाबले इस साल 258 यूनिट और सितंबर में 3176 यूनिट के मुकाबले 659 यूनिट की ही मांग हुई है.
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की निदेशक वनश्री सिंह कहती हैं कि पिछले साल राउंड द क्लॉक हमारे स्टाफ कलेक्शन और प्लेटलेट्स में लगे थे. इस बार ऐसी स्थिति नहीं है.
डेंगू के डंक से ज्यादा राजधानी में इस बार या तो वायरल की मार है या फिर लोग चिकनगुनिया की चपेट में हैं. कुछ भी हो लोग बीमार पड़ रहे हैं, मर रहे हैं. दिल्ली सरकार की पहल को इस मुहावरे से जोड़ने में वक्त लगेगा कि देर आए.. दुरुस्त आए.
दिल्ली सरकार के कर्मचारी किराये की फॉगिंग मशीन लेकर मच्छर मारने निकल पड़े हैं. हर कोई अपनी छोटी या बड़ी मशीनों के साथ मच्छरों से लोहा लेने को तैयार है. इरादा 70 विधानसभा के हर कोने तक पहुंचने का है. शुरुआत करीब 200 मशीनों से हुई है, जबकि कोशिश हफ्ते भर में 600 मशीनों के इस्तेमाल की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि आरोप प्रत्यारोप से कुछ नहीं होता, लिहाजा यह पहल हमने की है.
अब तक मच्छरों के खिलाफ नगर निगम या फिर नगरपालिका परिषद ही फॉगिंग किया करती थी, लेकिन अब जब मच्छर जनित बीमारियों को लेकर दिल्ली एनसीआर में कम से कम 33 लोगों की मौत हो चुकी है, तब दिल्ली सरकार ने खुद मच्छरों के खात्मे को लेकर मोर्चा थामा है.
हालांकि डेंगू एवं चिकनगुनिया के मामलों को लेकर इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी का कहना है कि पिछले साल से इस साल प्लेटलेट्स की मांग 4 से 5 गुना कम है. पिछले साल अगस्त में 837 यूनिट प्लेटलेट्स के मुकाबले इस साल 258 यूनिट और सितंबर में 3176 यूनिट के मुकाबले 659 यूनिट की ही मांग हुई है.
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की निदेशक वनश्री सिंह कहती हैं कि पिछले साल राउंड द क्लॉक हमारे स्टाफ कलेक्शन और प्लेटलेट्स में लगे थे. इस बार ऐसी स्थिति नहीं है.
डेंगू के डंक से ज्यादा राजधानी में इस बार या तो वायरल की मार है या फिर लोग चिकनगुनिया की चपेट में हैं. कुछ भी हो लोग बीमार पड़ रहे हैं, मर रहे हैं. दिल्ली सरकार की पहल को इस मुहावरे से जोड़ने में वक्त लगेगा कि देर आए.. दुरुस्त आए.
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