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This Article is From Mar 15, 2022

महज़ 9 सेकंड में ज़मींदोज़ हो जाएगा नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर, चार टन विस्‍फोटक होगा इस्‍तेमाल - यह है पूरा प्‍लान

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 31 अगस्‍त को सुपरटेक के एपेक्‍स (100 मीटर ) और सियेन (97 मीटर) टॉवर को ध्‍वस्‍त करने का आदेश दिया था .

महज़ 9 सेकंड में ज़मींदोज़ हो जाएगा नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर, चार टन विस्‍फोटक होगा इस्‍तेमाल - यह है पूरा प्‍लान
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 31 अगस्‍त को सुपरटेक के एपेक्‍स और सियेन टॉवर को ध्‍वस्‍त करने का आदेश दिया था
नोएडा:

नोएडा में सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी में बने अवैध ट्विन टावर (Supertech twin towers) को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद इसे धराशायी करने का काम प्रगति पर है.अधिकारियों के अनुसार, नोएडा के अवैध सुपरटेक ट्विन टावर को ध्‍वस्‍त करने के लिए चार टन तक विस्‍फोटक इस्‍तेमाल किया जा सकता है और 22 मई को करीब 100 मीटर ऊंचे और विशालकाय इस ढांचे को जमींदोज करने में महज 9 सेकंड का समय लगेगा. 

उन्‍होंने बताया कि इसके साथ ही सेक्‍टर 93A में स्थित टॉवर्स के करीब रहने वाले करीब 1500 परिवारों को 22 मई को दोपहर 2:30 बजे विस्‍फोट होने पर करीब पांच घंटों के लिए घरों से निकाल दया जाएगा. एडिफिस इंजीनियरिंग (Edifice Engineering)की ओर से शेयर की गई विध्‍वंस योजना के अनुसार, साइट के नजदीक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्‍सप्रेसवे का एक हिस्‍सा भी ऐहतियात के तौर पर एक घंटें से ज्‍यादा ट्रैफिक के लिए बंद रखा जाएगा, इस दौरान, बड़ी संख्‍या में सुरक्षाकर्मियों की क्षेत्र में तैनाती की जाएगी. एडिफिस इंजीनियरिंग को ही अवैध ट्विन टावर को ध्वस्त करने की जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 31 अगस्‍त को सुपरटेक के एपेक्‍स (100 मीटर ) और सियेन (97 मीटर) टॉवर को ध्‍वस्‍त करने का आदेश दिया था क्‍योंकि इन दोनों टॉवरों के निर्माण के दौरान मानदंडों का उल्‍लंघन किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को सुपरटेक के एपेक्स (100 मीटर) और सियेन (97 मीटर) को ध्वस्त करने का आदेश दिया था क्योंकि इमारत के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए दो टावरों का निर्माण किया गया था.सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्‍ट को मंजूरी देने के लिए नोएडा अथॉरिटी को फटकार भी लगाई थी. Edifice के पार्टनर उत्‍कर्ष मेहता ने मीडिया के समक्ष प्रजेंटेशन में बताया कि पहले 31 मंजिला सियेन धराशायी होगा उसके बाद 32 मंजिल का अपेक्‍स. उन्‍होंने बताया कि बिल्डिंग कल चरणों में अंदर क ओर फ्लोर बाय फ्लोर गिरेगी. प्राइमरी ब्‍लास्‍ट फ्लोर के रूप में 10 स्‍तर (Ten levels)और सेकेंडरी ब्‍लास्‍ट फ्लोर के तौर पर 7 स्‍तर (7 levels) काम करेंगे. प्राइमरी ब्‍लास्‍ट फ्लोर में सभी कॉलम्‍स में विस्‍प्‍फोटक होंगे जबकि सेंकेडरी ब्‍लास्‍ट फ्लोर में 40 प्रतिशत कालम्‍स में. कंपनी ने इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में 108 मीटर ऊंचे बैंक ऑफ लिस्‍बन को धराशायी करने का काम किया था. अधिकारियों के अनुसार, स्‍ट्रक्‍चर और आसपास की इमारत की दूरी उस समय सात मीटर थी जबक नोएडा में यह दूरी करीब 9 मीटर की है. दक्षिण अफ्रीका स्थित Jet Demolition सुरक्षित विस्‍फोट के रूप में मामले में विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है और एक्‍चुअल ब्‍लास्‍ट के पहले एक ट्रायल ब्‍लास्‍ट भी किया जाएगा. मेहता ने बताया, '2500 किलों से 4000 किलो तक विस्‍फोटक की जरूरत होगी. ट्रायल ब्‍लास्‍ट मार्च के अंतिम सप्‍ताह या अप्रैल के पहले सप्‍ताह में प्‍लान किया गया है. '

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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