नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टॉवर को ध्वस्त करने की राह में रोड़ा बना पानी

अवैध ट्विन टावर बेसमेंट में पानी भरा, डिमोलेशन के एक्सपर्ट इंजीनियर पानी नहीं निकलने पर वैकल्पिक प्लान बनाने की तैयारी में जुटे

नई दिल्ली:

नोएडा में सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी में बने अवैध ट्विन टावर (सियान और एपेक्स) को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें धराशायी करने का काम तेजी पर है. हालांकि ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए डिमोलेशन के एक्सपर्ट इंजीनियरों को नित्य नई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. नई परेशानी का कारण है ट्विन टावर के बेसमेंट में भरा हुआ पानी.

दक्षिण अफ्रीका की डिमोलेशन की एक्सपर्ट इंजीनियरिंग एजेंसी एडिफिस को इसका जिम्मा मिला है. आगामी 14 मई तक ट्विन टावर की 43 मंजिला इमारत को ध्वस्त किया जाना है. इसके लिए विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा. 

इन टावरों के बेसमेंट में पानी भरने से इंजीनियर परेशान हैं. इंजीनियर दो दिन से पानी निकालने का प्रयास कर रहे हैं. पंपसेट लगाकर पानी निकालते ही बेसमेंट में फिर से पानी भर जाता है. फिलहाल यह पता नहीं चला पाया है कि बेसमेंट में पानी कहां से आ रहा है. इंजीनियरों की टीम इसका पता लगाने में जुटी है.

एडिफिस कंपनी करीब एक माह से ट्विन टावर गिराने की तैयारी कर रही है. 200 से अधिक मजदूर टावर के फ्लैटों के अंदर और बाहर की दीवारें तोड़ने में जुटे हैं. इससे निकले हुए मलबे को टावर के बेसमेंट में भरना था. मगर जब बेसमेंट में काम करने की बारी आई तो पता चला कि उसमें एकाएक पानी भर गया है. पानी लगातार बढ़ता जा रहा है. 

इंजीनियरों की टीम ने बेसमेंट में पंपसेट लगाकर पानी बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अभी पानी को बाहर निकालने में कितना समय लगेगा इसका पता नहीं है. पानी का स्तर कम नहीं होने से इंजीनियरों की परेशानी बढ़ गई है. प्लान के अनुसार सोमवार से बेसमेंट में मलबा भरने की तैयारी थी. पानी नहीं निकलने से इंजीनियर वैकल्पिक प्लान बनाने में जुटे हैं.

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इंजीनियरों की देखरेख में ट्विन टावर की 21 मंजिल तक विस्फोटक लगाने के लिए निशान बना दिए गए हैं. जल्द ही पूरे टावर पर निशान लगा दिए जाएंगे. कंपनी की ओर से दीवारों पर पेंटिंग भी कराई जा रही है. इस पर अहम दिशानिर्देश लिखे जाएंगे.