पीडब्लूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि मंत्री की मंजूरी के बिना कोई आदेश जारी न करें.
- कुछ अधिकारियों ने सीएम और संबंधित मंत्री को अंधेरे में रखकर काम किया
- स्कॉलरशिप योजना में गड़बड़ी से पांच लाख छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई
- केजरीवाल सरकार की नहीं सुनते, एलजी से आदेश लेते हैं नौकरशाह
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नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपनी ही सरकार के अफसरों को एक कड़ा आदेश देते हुए कहा है कि बिना संबंधित मंत्री की मंजूरी के कोई भी अधिकारी कोई भी आदेश पास न करे या फाइल को आगे न बढ़ाए.
सत्येंद्र जैन ने लिखित आदेश में कहा है कि "बीते कुछ महीनों में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें चुनी हुई सरकार के पीठ पीछे निपटा गया. कुछ अधिकारियों ने सीएम और संबंधित मंत्री को अंधेरे में रखकर काम किया इसलिए यह निर्देश दिए जाते हैं कि मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव कोई भी फैसला या आदेश बिना संबंधित मंत्री की मंजूरी जारी न करें."
सत्येंद्र जैन ने एक मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि "ताजा मामला है स्कॉलरशिप योजना में हुई गड़बड़ी का जिसकी वजह से दिल्ली के पांच लाख छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई. कुछ अफसरों ने संबंधित मंत्री को अंधेरे में रखकर इस पर काम किया. अगर यह मामला मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्री की जानकारी में लाया जाता तो इस गड़बड़ी से बचा जा सकता था."
वीडियो - दिल्ली सरकार के मंत्री के घर पहुंची सीबीआई
दरअसल आजकल दिल्ली सरकार दो हिस्सों में बंटी हुई है. एक है चुनी हुई केजरीवाल सरकार और दूसरी नौकरशाही जो सीधे उप राज्यपाल के निर्देश पर काम करती है. दिल्ली के अंदर उप राज्यपाल ही सर्वेसर्वा हैं. इसलिए बीते कुछ समय से चुनी हुई आम आदमी पार्टी की सरकार और अफसरों में खींचतान चल रही है. आप सरकार के मंत्री कहते हैं कि अफसर उनके कहने से काम नहीं करते जबकि जनता के प्रति हमारी जवाबदेही हैं. तो दूसरी और अफसर कहते हैं वे नियम के तहत ही काम कर रहे हैं. सत्येंद्र जैन का यह आदेश उसी विवाद का हिस्सा है.
सत्येंद्र जैन ने लिखित आदेश में कहा है कि "बीते कुछ महीनों में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें चुनी हुई सरकार के पीठ पीछे निपटा गया. कुछ अधिकारियों ने सीएम और संबंधित मंत्री को अंधेरे में रखकर काम किया इसलिए यह निर्देश दिए जाते हैं कि मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव कोई भी फैसला या आदेश बिना संबंधित मंत्री की मंजूरी जारी न करें."
सत्येंद्र जैन ने एक मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि "ताजा मामला है स्कॉलरशिप योजना में हुई गड़बड़ी का जिसकी वजह से दिल्ली के पांच लाख छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई. कुछ अफसरों ने संबंधित मंत्री को अंधेरे में रखकर इस पर काम किया. अगर यह मामला मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्री की जानकारी में लाया जाता तो इस गड़बड़ी से बचा जा सकता था."
वीडियो - दिल्ली सरकार के मंत्री के घर पहुंची सीबीआई
दरअसल आजकल दिल्ली सरकार दो हिस्सों में बंटी हुई है. एक है चुनी हुई केजरीवाल सरकार और दूसरी नौकरशाही जो सीधे उप राज्यपाल के निर्देश पर काम करती है. दिल्ली के अंदर उप राज्यपाल ही सर्वेसर्वा हैं. इसलिए बीते कुछ समय से चुनी हुई आम आदमी पार्टी की सरकार और अफसरों में खींचतान चल रही है. आप सरकार के मंत्री कहते हैं कि अफसर उनके कहने से काम नहीं करते जबकि जनता के प्रति हमारी जवाबदेही हैं. तो दूसरी और अफसर कहते हैं वे नियम के तहत ही काम कर रहे हैं. सत्येंद्र जैन का यह आदेश उसी विवाद का हिस्सा है.
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