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This Article is From Dec 10, 2016

तिनका तिनका इंडिया अवार्ड में इस बार नोटबंदी और स्वच्छ भारत अभियान छाए

तिनका तिनका इंडिया अवार्ड में इस बार नोटबंदी और स्वच्छ भारत अभियान छाए
आज राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर तिनका तिनका इंडिया अवार्ड घोषित किए गए. ये पुरस्‍कार चार वर्गों में कविता, पेंटिंग, विशेष टैलेंट और जेल अधिकारियों के नाम दिए जाते हैं. इस बार नोटबंदी और स्‍वच्‍छ भारत अभियान पर रचना करने वालाें के नाम ये पुरस्‍कार रहे.  इन पुरस्‍कारों की संस्थापक और संयोजक जेल सुधार विशेषज्ञ वर्तिका नन्दा हैं. ये पुरस्कार भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक के जी सुरेश ने दिल्ली में रिलीज किए.

इन पुरस्‍कारों के तहत बरेली जेल में बंदी वैभव जैन (45) की कविता 'छींटे' को इस साल तिनका तिनका इंडिया अवार्ड (कविता) के लिए पहला पुरस्कार मिला है. पेशे से अध्यापक रहे वैभव जेल की अपनी सजा काटते हुए अब कविता लिखते हैं. इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार राजकोट की 30 वर्षीया मनीषा राम सिंह डोडिया को उनकी कविता 'फासला' के लिए दिया गया है. तीसरा पुरस्कार आगरा जेल में बंदी दिनेश गौड़ को उनकी कविता 'मैं कैद हूं तो क्या हुआ, मन मेरा आजाद है' के लिए मिला है.

पेंटिंग वर्ग में पहला पुरस्कार बिलासपुर जेल में बंदी बलवीर कुमार विश्वकर्मा को नोटबंदी पर बनाई उनकी पेंटिंग के लिए दिया गया है. 38 वर्षीय राम चरण ध्रू को दूसरा पुरस्कार और 72 वर्षीय भैश सिंह साहू को नोटबंदी पर ही उनकी पेंटिंग के लिए तीसरा पुरस्कार दिया गया है. इस वर्ग में रवि शंकर सिंह को बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के लिए सांत्वना पुरस्कार दिया गया है. 28 वर्षीय रवि शंकर जेल में आने से पहले स्टील की एक कंपनी में काम करते थे. खास बात यह है कि पेंटिग में सभी पुरस्कार छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल के नाम गए हैं.

सूरत जेल में बंदी 39 वर्षीय वीरेंद्र विट्ठल भाई वैष्णव को विशेष टेलेंट के तहत चुना गया है. पेशे से पत्रकार और कार्टूनिस्ट विट्टलभाई की किताब लाइफ बिहाइंड बार्स को इंग्‍लैंड के एक प्रकाशक अगले महीने बाजार में ला रहे हैं. अंडमान निकोबार द्वीप समूह की जेलों में खास योगदान के लिए अनाई कुमकारांगल ट्रस्ट को चुना गया है. किरण बेदी की संस्था –इंडिया विजन फाउंडेशन की ज्यूरी ने जेलों की महिलाओं और बच्चों के प्रति योगदान के लिए खुद चुनाव किया है.

यहां वीडियो में देखिए वर्तिका नंदा के विचार:



हल्‍द्वानी जेल में बंदी आदित्य नाथ सिंह और पंकज यादव को सिलाई और कंप्यूटर में खास योगदान के लिए सम्मानित किया जा रहा है. जेल सुधार श्रेणी के लिए इस साल 5 अधिकारियों का चुनाव किया गया है. 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी सोमेश गोयल को बतौर जेल महा निदेशक हिमाचल प्रदेश की जेलों का चेहरा बदलने के लिए सम्मानित किया गया है.  आगरा केंद्रीय कारागार के जेलर लाल रत्नाकर को जेलों में साहित्य को बढ़ावा देने, और हल्द्वानी जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट मनोज कुमार आर्या को जेल में कला को प्रोत्साहन देने के लिए चुना गया है. डासना जेल, उत्तर प्रदेश से शिवाजी यादव और आनंद पांडे को जेल में रंगों को लेकर नए प्रयोगों और कलाकार बंदियों को उभारने के लिए चुना गया है.

इन सभी चारों श्रेणियों के पुरस्कार के तहत तिनका तिनका फाउंडेशन की तरफ से एक सम्मान पत्र, एक मोमेंटो और जेल पर ही लिखी गई किताब तिनका तिनका डासना दी जाएगी.

इसकी पुरस्‍कारों की संस्थापक और संयोजक वर्तिका नन्दा हैं जोकि जानी-मानी पत्रकार और जेल सुधार विशेषज्ञ हैं. तिनका तिनका - भारतीय जेलों पर शुरू की गई उनकी एक सीरीज का नाम है. इससे पहले विमला मेहरा के साथ संपादित उनकी किताब – तिनका तिनका तिहाड़ को लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल किया जा चुका है जबकि हाल ही में आई तिनका तिनका डासना भारतीय जेलों पर रिपोर्ट देती अपनी तरह की पहली किताब है. इसका अनुवाद आरुषि मामले में जेल में बंद नुपूर तलवार ने किया है.

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