
कोविड महामारी ने आर्थिक के अलावा और भी कई पहलुओं पर विश्व को पीछे धकेला है. यह संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार दिवस के अवसर पर कहा है. एक संदेश में यूएन में मानव अधिकारों की प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने कहा कि 73 साल पहले मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) को अपनाने के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, COVID महामारी ने "असमानताओं में भयावह वृद्धि को बढ़ावा दिया है". बाचेलेट और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस अवसर पर हुई प्रगति, सीखे गए सबक का जायजा लिया और शांति के लिए एक नया एजेंडा पेश किया जो वैश्विक सुरक्षा की एक बहुआयामी दृष्टि प्रस्तुत करता है.
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"यह कार्रवाई का एजेंडा है - और अधिकारों का एजेंडा है," बाचेलेट ने कहा. सितंबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा निर्धारित एक रूपरेखा ''आर कॉमन एजेंडा'', एक नया सामाजिक अनुबंध है जो मानव अधिकारों में मजबूती से जुड़ा हुआ है, जो दुनिया भर में नए सिरे से एकजुटता का आह्वान करता है.
बाचेलेट ने स्वीकार किया कि जबसे यूडीएचआर पर हस्ताक्षर किए गए हैं तबसे "पूरी तरह से दुनिया समृद्ध हुई है, लोग लंबे समय तक जीवित रहने लगे हैं, अधिक बच्चे स्कूल गए हैं, और अधिक महिलाएं स्वायत्तता का एक बड़ा उपाय हासिल करने में सक्षम बनीं, अधिक देशों में अधिक लोगों को गरीबी, वर्ग और जाति की बेड़ियों को तोड़ने का अवसर मिला."
उन्होंने कहा, हालांकि इस प्रगति के बावजूद, पिछले बीस वर्षों में वैश्विक झटके और 2020 में महामारी की शुरुआत ने इन विकासों को कमजोर कर दिया है.
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने मानवाधिकार दिवस के लिए अपने संदेश में कहा, दुनिया "एक चौराहे पर" है जहां उसके सामने बुनियादी मानवाधिकारों के लिए कई खतरे खड़े हैं जिनमें महामारी, डिजिटल टेक्नोलॉजी की अधिकता और जलवायु संकट शामिल हैं. उन्होंने कहा, "सार्वजनिक स्थान सिकुड़ रहा है. दशकों में पहली बार गरीबी और भूख बढ़ रही है. लाखों बच्चे शिक्षा के अधिकार से चूक रहे हैं. असमानता गहरी हो रही है - लेकिन हम एक अलग रास्ता चुन सकते हैं". गुटेरेस ने उल्लेख किया कि महामारी से उबरना "मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का विस्तार करने और विश्वास के पुनर्निर्माण का एक अवसर होना चाहिए."
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