दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.
नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली और इससे सटे हुए इलाके प्रदूषण के अत्यधिक खतरनाक स्तर को झेल रहे हैं. नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘‘हॉटस्पॉट'' भारत में हैं और उनमें से एक दिल्ली में है.
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति के बीच एक नए अध्ययन के परिणाम सामने आए हैं. इस अध्ययन में पाया गया है कि नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘‘हॉटस्पॉट'' भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है. ये ऐसे हॉटस्पॉट हैं, जो हवा में मौजूद महीन कण (पार्टिकुलेट मैटर) के बनने की एक मुख्य वजह हैं और भारत में वायु प्रदूषण में इसकी भी एक मुख्य भूमिका होती है.
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ग्रीनपीस का यह अध्ययन उस वक्त आया है, जब दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. सोमवार को शहर में धुंध छाई रही और वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” की श्रेणी में बनी रही. नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओ2) अपने आप में एक खतरनाक प्रदूषक तत्व है और यह हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) 2.5 तथा ओजोन के निर्माण के लिए भी जिम्मेदार होता है जिन्हें सबसे खतरनाक वायु प्रदूषक माना जाता है.
VIDEO : भारत में प्रदूषण से हर साल 20 लाख मौतें
एक जून से 31 अगस्त तक हासिल किए गए उपग्रहीय आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक हॉटस्पॉट की सबसे ज्यादा संख्या चीन में (कुल 10) है. अरब देशों में आठ, यूरोपीय संघ में चार और भारत, अमेरिका एवं डीआर कॉन्गो में तीन-तीन है.
(इनपुट भाषा से)
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति के बीच एक नए अध्ययन के परिणाम सामने आए हैं. इस अध्ययन में पाया गया है कि नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘‘हॉटस्पॉट'' भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है. ये ऐसे हॉटस्पॉट हैं, जो हवा में मौजूद महीन कण (पार्टिकुलेट मैटर) के बनने की एक मुख्य वजह हैं और भारत में वायु प्रदूषण में इसकी भी एक मुख्य भूमिका होती है.
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ग्रीनपीस का यह अध्ययन उस वक्त आया है, जब दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. सोमवार को शहर में धुंध छाई रही और वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” की श्रेणी में बनी रही. नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओ2) अपने आप में एक खतरनाक प्रदूषक तत्व है और यह हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) 2.5 तथा ओजोन के निर्माण के लिए भी जिम्मेदार होता है जिन्हें सबसे खतरनाक वायु प्रदूषक माना जाता है.
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एक जून से 31 अगस्त तक हासिल किए गए उपग्रहीय आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक हॉटस्पॉट की सबसे ज्यादा संख्या चीन में (कुल 10) है. अरब देशों में आठ, यूरोपीय संघ में चार और भारत, अमेरिका एवं डीआर कॉन्गो में तीन-तीन है.
(इनपुट भाषा से)
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