दिल्ली के मोतीनगर में सीवर की सफाई के दौरान जहरीली गैस से पांच मजदूरों की मौत हो गई.
                                                                                                                        - मोतीनगर की कैपिटल ग्रीन डीएलएफ सोसाइटी में हुआ हादसा
 - छह मजदूरों को सीवर टैंक में सफाई के लिए उतार दिया गया था
 - जहरीली गैस की चपेट में आने से पांच मजदूरों की मौत हो गई
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर इलाके में ग्रीन कैपिटल डीएलएफ सोसाइटी में एक सीवर टैंक साफ करने उतरे 6 मजदूरों में 5 की मौत हो गई. हैरानी वाली बात यह है कि सभी मृतक दूसरे कामों के लिए रखे गए थे लेकिन उन्हें बिना सुरक्षा इंतजामों के सीवर टैंक में उतार दिया गया.
दिल्ली में सोमवार को मोती नगर थाने के बाहर वे बदनसीब परिवार बैठे थे जिनके घरों के पांच चिराग एक झटके में बुझ गए. रविवार दोपहर इसी इलाके की कैपिटल ग्रीन डीएलएफ सोसाइटी में 6 मजदूरों को सीवर टैंक साफ करने के लिए उतारा गया. जहरीली गैस की चपेट में आने से 5 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 22 साल का राजा, 20 साल का विशाल, 24 साल का पंकज, 19 साल का सरफराज और 23 साल का उमेश है.
मृतक सरफ़राज़ के भाई अहमद अली ने बताया कि यह प्लांट चार महीने से खराब था. कंपनी वाले ठीक नहीं करवा रहे थे. कल छह लोगों को उतार दिया, जबकि हमारा काम केवल प्लांट ऑपरेट करने का है. उसमें सुरक्षा इंतजाम,ऑक्सीजन मास्क वगैरह कुछ नहीं था, इसलिए 5 लोगों की मौत हो गई. मृतक विशाल के भाई ने बताया कि वे ग्राउंड लेवल के नीचे बेसमेंट में काम कर रहे थे. मास्क नहीं पहना था, कोई सेफ्टी का इंतज़ाम नहीं था.
यह भी पढ़ें : जहरीली गैस से दम घुटने से तीन सफाईकर्मियों की मौत
इन मजदूरों के परिवार वालों और साथियों का कहना है कि जिनकी मौत हुई उनका काम सीवर साफ करना नहीं था. उनमें से किसी का काम हाउस कीपिंग था तो किसी का पम्प ऑपरेट करना था. लेकिन वे जिन प्राइवेट कंपनियों में काम करते हैं वह नौकरी से निकाल देने का दबाव बनाकर हर तरह का काम करवाती हैं. सीवर में उतरते वक्त न तो उन्हें सुरक्षा उपकरण दिए गए और न ही वहां कोई एम्बुलेंस थी. कर्मचारी प्रदीप ने बताया कि सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था. मेरे शिफ्ट इंचार्ज ने बोला थोड़ा सा काम है कर दे.
VIDEO : नौकरी से निकालने की धमकी देकर कराई जाती थी सफाई
दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जांच में पता चला है कि मृतक उन्नति इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एक और कंपनी से जुड़े थे. 1993 से अब तक सीवर की जहरीली गैस की चपेट में आने से 93 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो चुकी है. दिल्ली सरकार ने अगस्त 2017 से हाथ से सीवर की सफाई पर रोक भी लगा रखी है.
                                                                        
                                    
                                दिल्ली में सोमवार को मोती नगर थाने के बाहर वे बदनसीब परिवार बैठे थे जिनके घरों के पांच चिराग एक झटके में बुझ गए. रविवार दोपहर इसी इलाके की कैपिटल ग्रीन डीएलएफ सोसाइटी में 6 मजदूरों को सीवर टैंक साफ करने के लिए उतारा गया. जहरीली गैस की चपेट में आने से 5 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 22 साल का राजा, 20 साल का विशाल, 24 साल का पंकज, 19 साल का सरफराज और 23 साल का उमेश है.
मृतक सरफ़राज़ के भाई अहमद अली ने बताया कि यह प्लांट चार महीने से खराब था. कंपनी वाले ठीक नहीं करवा रहे थे. कल छह लोगों को उतार दिया, जबकि हमारा काम केवल प्लांट ऑपरेट करने का है. उसमें सुरक्षा इंतजाम,ऑक्सीजन मास्क वगैरह कुछ नहीं था, इसलिए 5 लोगों की मौत हो गई. मृतक विशाल के भाई ने बताया कि वे ग्राउंड लेवल के नीचे बेसमेंट में काम कर रहे थे. मास्क नहीं पहना था, कोई सेफ्टी का इंतज़ाम नहीं था.
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इन मजदूरों के परिवार वालों और साथियों का कहना है कि जिनकी मौत हुई उनका काम सीवर साफ करना नहीं था. उनमें से किसी का काम हाउस कीपिंग था तो किसी का पम्प ऑपरेट करना था. लेकिन वे जिन प्राइवेट कंपनियों में काम करते हैं वह नौकरी से निकाल देने का दबाव बनाकर हर तरह का काम करवाती हैं. सीवर में उतरते वक्त न तो उन्हें सुरक्षा उपकरण दिए गए और न ही वहां कोई एम्बुलेंस थी. कर्मचारी प्रदीप ने बताया कि सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था. मेरे शिफ्ट इंचार्ज ने बोला थोड़ा सा काम है कर दे.
VIDEO : नौकरी से निकालने की धमकी देकर कराई जाती थी सफाई
दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जांच में पता चला है कि मृतक उन्नति इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और एक और कंपनी से जुड़े थे. 1993 से अब तक सीवर की जहरीली गैस की चपेट में आने से 93 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो चुकी है. दिल्ली सरकार ने अगस्त 2017 से हाथ से सीवर की सफाई पर रोक भी लगा रखी है.
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