अमानतउल्ला खान (फाइल फोटो).
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. आप विधायक अमानतुल्लाह खान इसके निर्वाचित सदस्य हैं और सूत्रों के मुताबिक 4 सितंबर 2018 को होने वाली बोर्ड की बैठक में वे अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होंगे.
कुल 6 सदस्यीय दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में 3 निर्वाचित और 3 नामित सदस्य होंगे. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड को भ्रष्टाचार के आरोपो के बाद अक्टूबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने भंग कर दिया था. भ्रष्टाचार के आरोप भी इसके उस समय के दो सदस्यों ने लगाए थे और विरोध में इस्तीफ़ा दिया था. बोर्ड भंग करने के बाद तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने ये मामला सीबीआई को सौंप दिया था. लेकिन सरकार और आम आदमी पार्टी कहना था कि जांच चलती लेकिन तब तक बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया जाए. लेकिन एलजी की मंज़ूरी के चलते मामला अटकता रहा.
लेकिन 3 जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनी हुई सरकार को इस बारे में एलजी की सहमति की ज़रूरत नहीं लगी इसलिए बोर्ड का पुनर्गठन हो गया
दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड दिल्ली में करीब 2 हज़ार संपत्तियां जैसे ज़मीन, रिहायशी इमारत, दुकान और कब्रिस्तान आदि का प्रबंधन करता है और इससे मिलने वाले पैसे को मुस्लिम समाज के कल्याण में लगाता है.
                                                                        
                                    
                                कुल 6 सदस्यीय दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में 3 निर्वाचित और 3 नामित सदस्य होंगे. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड को भ्रष्टाचार के आरोपो के बाद अक्टूबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने भंग कर दिया था. भ्रष्टाचार के आरोप भी इसके उस समय के दो सदस्यों ने लगाए थे और विरोध में इस्तीफ़ा दिया था. बोर्ड भंग करने के बाद तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने ये मामला सीबीआई को सौंप दिया था. लेकिन सरकार और आम आदमी पार्टी कहना था कि जांच चलती लेकिन तब तक बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया जाए. लेकिन एलजी की मंज़ूरी के चलते मामला अटकता रहा.
लेकिन 3 जुलाई 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनी हुई सरकार को इस बारे में एलजी की सहमति की ज़रूरत नहीं लगी इसलिए बोर्ड का पुनर्गठन हो गया
दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड दिल्ली में करीब 2 हज़ार संपत्तियां जैसे ज़मीन, रिहायशी इमारत, दुकान और कब्रिस्तान आदि का प्रबंधन करता है और इससे मिलने वाले पैसे को मुस्लिम समाज के कल्याण में लगाता है.
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