
दिल्ली NCR के ट्रैफिक में कमी लाने के लिए परिवहन मंत्रालय ने कई योजनाओं की घोषणा की है. परिवहन मंत्रालय दिल्ली सरकार के साथ मिलकर दिल्ली में NHAI कई बड़े हाईवे और टनल प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है. इन योजनाओं के पूरा होने पर दिल्ली में ट्रैफिक कम होगा और आने जाने का वक्त बचेगा.
1.दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे (NE-5) का विस्तार
लंबाई: 20 किलोमीटर
लागत:4,000 करोड़
फायदा: जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा से आने वाला ट्रैफिक सीधे दिल्ली, गुरुग्राम और IGI एयरपोर्ट तक पहुंचेगा. NH-44 का वैकल्पिक रूट बनेगा।
स्थिति: DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बन रही है.
2. UER-II को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला नया हाइवे
लंबाई: 17 किलोमीटर
लागत: 3,350 करोड़
फायदा: बाहर से आने वाला ट्रैफिक सीधे दिल्ली के बाहर ही डायवर्ट हो जाएगा। इससे NH-44, रिंग रोड और दिल्ली के अंदर की मुख्य सड़कों पर भीड़ घटेगी.
स्थिति: DPR के लिए बिडिंग प्रक्रिया जारी है.
3. गाजियाबाद-फरीदाबाद होते हुए नोएडा तक हाईवे
लंबाई: 65 किलोमीटर
लागत: 7,500 करोड़
फायदा: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, DND और अन्य बड़े रूट्स को आपस में जोड़ेगा। इससे दिल्ली की अंदरूनी सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा.
स्थिति: DPR तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है.
4. द्वारका एक्सप्रेसवे से वसंत कुंज तक रोड टनल
लंबाई: 5 किलोमीटर
लागत: 3,500 करोड़
फायदा: महिपालपुर, धौला कुआं और राव तुला राम मार्ग जैसे ट्रैफिक वाले इलाकों से बचते हुए सीधा और सिग्नल-फ्री रास्ता मिलेगा.
स्थिति: मंत्रालय में मंजूरी का इंतजार.
5. AIIMS से महिपालपुर होते हुए गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड तक एलिवेटेड कॉरिडोर
लंबाई: 20 किलोमीटर
लागत:5,000 करोड़ (अनुमानित)
फायदा: दिल्ली और गुरुग्राम के बीच एक वैकल्पिक हाई-स्पीड कॉरिडोर बनेगा जिससे NH-48 और रिंग रोड का दबाव घटेगा.
स्थिति: DPR के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
6. कालिंदी कुंज इंटरचेंज का निर्माण कार्य
दिल्ली-नोएडा रोड और आगरा नहर रोड को जोड़ेगा, जिससे ट्रैफिक सुगम होगा और फ्लो बेहतर बनेगा।
7. दिल्ली सरकार से लिए गए पुराने रोड सेक्शन (कुल लंबाई: 34.5 किमी)
शामिल हिस्से: हरियाणा बॉर्डर से पंजाबी बाग (NH-09) – 18.5 किमी
आश्रम से बदरपुर (NH-2) – 7.5 किमी
8. महरौली से हरियाणा बॉर्डर (NH-148A) – 8.5 किमी
काम: NHAI इन सड़कों की मरम्मत, ड्रेनेज और सौंदर्यीकरण का कार्य कर रही है। बारिश के मौसम में PWD भी सहयोग करेगा.
9. C&D वेस्ट (निर्माण और ध्वस्तीकरण कचरा) से सड़क निर्माण – पर्यावरण के लिए फायदेमंद पहल
पुराने मलबे, मिट्टी और पत्थरों का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जा रहा है.
अब तक उपयोग: UER-II प्रोजेक्ट: 10 लाख मीट्रिक टन
DND-फरीदाबाद-सोहना प्रोजेक्ट: 3.4 लाख मीट्रिक टन
फायदा: लागत में कमी, कचरे का पुनः उपयोग और प्रदूषण में गिरावट।
इन सभी हाईवे और टनल प्रोजेक्ट्स से दिल्ली-एनसीआर के लोग ट्रैफिक से राहत पाएंगे और सफर में समय और ईंधन की बचत होगी. साथ ही, पर्यावरण का भी ध्यान रखा जा रहा है।आने वाले समय में दिल्ली और आस-पास के शहरों की कनेक्टिविटी पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी.
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