दिल्ली पुलिस के सिपाहियों का हुआ था स्टिंग ऑपरेशन
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक 'स्टिंग ऑपरेशन' की जांच पूरी करने में विफल रहने पर पुलिस की खिंचाई की है. इस स्टिंग ऑपरेशन में कई ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को ब्लूलाइन बस ऑपरेटरों से कथित तौर पर घूस लेते हुए दिखाया गया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने यह भी कहा कि उसके निर्देश के बावजूद ‘‘सावधानीपूर्वक और समयबद्ध’’जांच आगे नहीं बढ़ाई गई.
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पीठ ने कहा, ‘‘आरोपपत्र वर्ष 2008 में तैयार किया गया था और अभी तक आपने (दिल्ली पुलिस) विस्तृत रिपोर्ट नहीं दायर की.’’अदालत ने जांच अधिकारियों के वकीलों से पूछा कि, ‘‘इन सभी वर्षों में उन्होंने क्या किया.’’ पीठ ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक है कि दस वर्षों में आपने आरोप पत्र दायर नहीं किया.’’ अदालत ने मामले से संबंधित फॉरेंसिक रिपोर्ट लेने में देरी पर भी चिंता जताई.
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अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तारीख तय की है. अदालत ने उस दिन सीबीआई को मौजूद रहने के लिए भी कहा है.
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