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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रमुख दलों के नारों से गर्माया राजनीतिक माहौल

दिल्ली चुनाव में अब 10 दिन से भी कम का समय बचा है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने दावों और वादों के साथ प्रचार में जुटी हैं. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा जबकि मतगणना आठ फरवरी को होगी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रमुख दलों के नारों से गर्माया राजनीतिक माहौल
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा जबकि मतगणना आठ फरवरी को होगी.
नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख दलों-- आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच कटाक्ष, नारों, एक पंक्ति की टिप्पणियों (वन लाइनर) और एआई से बने ‘मीम' के सहारे आर-पार की लड़ाई जारी है. एक तरफ आम आदमी पार्टी ने भाजपा को “भारतीय झूठा पार्टी” और “गाली-गलौज पार्टी” कहा है तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘आप' को 'आप-दा' और अरविंद केजरीवाल को 'घोषणा मंत्री' कहा है. ऐसे में वाकयुद्ध तेज हो चला है.

कांग्रेस ने जमकर साधा आप पर निशाना

कांग्रेस भी पीछे नहीं रही है और उसने केजरीवाल को ‘फर्जीवाल' और मोदी का ‘छोटा रिचार्ज' करार दिया. जैसे-जैसे राजनीतिक बयानबाजी तेज हो रही है, ‘मीम', ‘वन-लाइनर' और कटाक्षपूर्ण टिप्पणियां जोर पकड़ने लगी हैं. दिल्ली में एक बार फिर सत्ता में आने की जुगत में लगी आम आदमी पार्टी (आप) ने सालाना दो करोड़ नौकरियां देने जैसे वादों को पूरा करने में कथित रूप से विफल रहने को लेकर भाजपा पर निशाना साधने के लिए 'भारतीय झूठा पार्टी' जैसे शब्द गढ़े हैं.

केंद्र की भाजपा नीत सरकार की कर व्यवस्था को 'कर आतंक' करार देते हुए, आप प्रमुख केजरीवाल ने हाल में मध्यम वर्ग पर केंद्रित सात सूत्री 'घोषणापत्र' जारी किया और आरोप लगाया कि भाजपा कर संग्रह के लिए इस वर्ग का शोषण करती है, जबकि उसके मुद्दों की अनदेखी करती है.

भाजपा के घोषणापत्र पर पलटवार

‘आप' ने केजरीवाल की मुफ्त कल्याणकारी योजनाओं का गुणगान करके भाजपा के घोषणापत्र पर पलटवार किया है और भाजपा के वादों पर सवाल उठाते हुए उसके 'संकल्प पत्र' को 'विनाश पत्र' करार दिया. आप ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए भाजपा को 'रावण भक्त' जबकि खुद को 'राम भक्त' बताया है.

भाजपा ने आक्रामक रुख अपनाया

आप ने रमेश बिधूड़ी और शहजाद पूनावाला जैसे भाजपा नेताओं की विवादास्पद टिप्पणियों का हवाला देते हुए भाजपा को 'गली-गलौच पार्टी' करार दिया है. दूसरी ओर, भाजपा ने आक्रामक रुख अपनाया है तथा ‘आप' के गढ़े विमर्श का मुकाबला करने के लिए अपने राष्ट्रीय नेताओं की लोकप्रियता का फायदा उठाने की कोशिश की है. मोदी ने आप को 'आप-दा' कहा है और आरोप लगाया है कि केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री रहने के दौरान कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार हुआ है.

भाजपा ने केजरीवाल के लिए 'घोषणा मंत्री' शब्द भी गढ़ा है और उन पर पांच फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले अंतहीन वादे करने का आरोप लगाया है. उसने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘ऐसा कोई सगा नहीं है, जिसको महाठग ने ठगा नहीं.' इस बीच, कांग्रेस ने आप और भाजपा दोनों पर हमले तेज कर दिए हैं.

कांग्रेस ने केजरीवाल को 'फर्जीवाल' और मोदी का 'छोटा रिचार्ज' करार दिया है. उसने केजरीवाल पर भाजपा की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया है. अपने अभियान में 'आप के पाप का पर्दाफाश' जैसे नारे लगाने और केजरीवाल को बार-बार 'बहरूपिया' कहकर संबोधित करने वाली कांग्रेस को उम्मीद है कि वह अपने दोनों प्रतिद्वंद्वियों की कथित कमियों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकेगी.

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