- दिल्ली के कई हिस्सों में क्लाउड-सीडिंग परीक्षण हुए, लेकिन राजधानी में अभी तक कोई बारिश नहीं हुई है.
- सिरसा ने बताया कि कुल नौ से दस परीक्षण किए जाएंगे, जिनसे बारिश कराने की नमी की मात्रा का पता चलेगा.
- IIT-कानपुर ने बताया कि बुधवार के क्लाउड-सीडिंग परीक्षण बादलों में नमी की कमी के कारण रद्द कर दिए गए थे.
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को IIT-कानपुर के सहयोग से दो ‘क्लाउड-सीडिंग' परीक्षण किए. इन परीक्षणों के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मामूली बारिश दर्ज की गई. हालांकि, दिल्ली में कोई बारिश नहीं हुई. दिल्ली में ये परीक्षण बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग, मयूर विहार सहित दिल्ली के कई हिस्सों में किए गए. दिल्ली सरकार द्वारा कराए गए क्लाउड सीडिंग को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. इन सब के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) पर एक बड़ा हमला किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि AAP भाजपा सरकार की सफलता से 'ईर्ष्या' कर रहे हैं.
मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश (क्लाउड-सीडिंग) परीक्षण सफल रहे हैं. उन्होंने इस दौरान विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) की आलोचना भी की है. सिरसा ने कहा कि पिछली सरकार ने भी यह परीक्षण करने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे.
उन्होंने को बताया कि हम उस चरण पर पहुंच गए हैं जहां हम अभ्यास कर सकते हैं. नौ से 10 परीक्षण किए जाएंगे और फिर हमें पता चलेगा कि किस नमी की मात्रा पर बारिश कराई जा सकती है. एक बार जब आईआईटी-कानपुर को बारिश कराने के लिए आवश्यक नमी की मात्रा के बारे में ठोस जानकारी मिल जाएगी, तो हम जरूरत पड़ने पर दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए इसका उपयोग कर सकेंगे. सिरसा ने खर्च के बारे में कहा कि एक परीक्षण के दौरान 20-25 लाख रुपये खर्च होते हैं और ऐसे नौ से 10 परीक्षणों के बाद ही सरकार को पता चल पाएगा कि अभ्यास के बाद कितनी बारिश हो सकती है.
आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली सरकार के कृत्रित वर्षा परीक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा कि दावों के बावजूद कोई वर्षा दर्ज नहीं की गई और राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे प्रयोगों की व्यवहार्यता पर संदेह जताया.सिरसा ने कहा कि आप निश्चित तौर पर सवाल उठाएगी. वे पिछले 10 वर्ष में असफल रहे और दिल्ली को बर्बाद कर दिया. अब यमुना नदी के तट पर छठ मनाया जा रहा है. नदी अब ज्यादा साफ है. हरित पटाखों की अनुमति दी गई और फिर भी प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में है. वे इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?'
उन्होंने आप पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिवाली के एक दिन बाद वे कह रहे थे कि ‘क्लाउड सीडिंग' क्यों नहीं हो रही है और अब जब हो गई, तो फिर आरोप लगा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि वे सिर्फ़ सात महीनों में हुए काम से ईर्ष्या कर रहे हैं. इस बीच, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर ने एक बयान में कहा कि दिल्ली में बुधवार को होने वाला ‘क्लाउड-सीडिंग' परीक्षण बादलों में अपर्याप्त नमी के कारण रोक दिया गया.
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