(प्रतीकात्मक तस्वीर)
- विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने ‘श्वेत पत्र’ की मांग की
- दिल्ली में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर ‘श्वेत पत्र’ की मांग की
- कहा कि यह उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के दावों के विपरीत
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नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को मांग की कि आप सरकार राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल शिक्षा की स्थिति पर ‘श्वेत पत्र’ प्रस्तुत करे. गुप्ता ने कहा कि उसके आंकड़े, इसमें कई खामियों की ओर इशारा करता है. उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों को देखते हुए आप सरकार को दिल्ली में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर ‘श्वेत पत्र’ लाना चाहिए. भाजपा नेता ने दावा किया कि आंकड़े में खुलासा हुआ है कि दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों और पास प्रतिशत में ‘काफी कमी’ आए है.
उन्होंने कहा कि यह उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के दावों के विपरीत है, जो शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति की बात करते हैं.
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गुप्ता की मांग पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सिसोदिया की शिक्षा सलाहकार आतिशी मार्लेना ने कहा कि ‘आप’ सरकार के शासनकाल में सरकारी स्कूलों में 8,000 नई कक्षाएं बनाई गई हैं और इन कक्षाओं का निर्माण किसी भी तरह से ‘कच्चा’ नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों के निर्माण के लिए अपने कुछ अन्य विभागों की जमीनों के 100 से ज्यादा भूखंडों की पहचान की है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि यह उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के दावों के विपरीत है, जो शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति की बात करते हैं.
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गुप्ता की मांग पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सिसोदिया की शिक्षा सलाहकार आतिशी मार्लेना ने कहा कि ‘आप’ सरकार के शासनकाल में सरकारी स्कूलों में 8,000 नई कक्षाएं बनाई गई हैं और इन कक्षाओं का निर्माण किसी भी तरह से ‘कच्चा’ नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों के निर्माण के लिए अपने कुछ अन्य विभागों की जमीनों के 100 से ज्यादा भूखंडों की पहचान की है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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