भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक सप्ताह में दूसरी बार क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताते हुए मंगलवार को कहा कि इस तरह की आभासी मुद्राओं से देश की आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं. दास का यह बयान क्रिप्टोकरेंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के चंद दिनों बाद आया है. उस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों को लेकर गहरी चिंता जताई गई थी.
भाषा ने सोमवार को ही यह खबर दी थी कि वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी के तमाम पहलुओं को लेकर हितधारकों के साथ चर्चा की जिसमें कई सदस्यों ने इसपर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय इसके नियमन की जरूरत बताई. ऐसी चर्चा है कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक ला सकती है.
रिजर्व बैंक गवर्नर ने आठवें एसबीआई बैंकिंग एवं आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है. दास ने कहा, ‘आंतरिक विमर्श के बाद आरबीआई की यह राय है कि वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं हैं और इनके बारे में गहन चर्चा करने की जरूरत है.'
दास ने चलन में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी की मात्रा पर संदेह जताते हुए कहा कि निवेशकों को इसके जरिये लुभाने की कोशिश की जा रही है. क्रिप्टो खाते खोलने के लिए ऋण भी दिए जा रहे हैं.
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बता दें कि अभी सोमवार को वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार करने के लिए एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने माना कि वर्चुअल करेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसका नियमन यानी रेगुलेशन जरूरी है.
इस बैठक में एक आमराय बनी कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक नियामकीय व्यवस्था होना जरूरी है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नियामक यानी रेगुलेटर की भूमिका में कौन होगा.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं