फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) का कहना है कि 2021 से लेकर अब तक 46 हजार से ज्यादा लोग क्रिप्टोकरेंसी स्कैम का शिकार हुए हैं. इन स्कैम में लोगों ने 1 बिलियन डॉलर (लगभग 7,770 करोड़ रुपये) गंवाए हैं. फेडरेल ट्रेड कमिशन ने एक रिपोर्ट जारी कर इसकी जानकारी दी है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है अधिकतर लोग विज्ञापन, पोस्ट या सोशल मीडिया पर कोई मैसेज देखकर इस तरह के स्कैम का शिकार हुए हैं.
इसका कारण भी स्पष्ट दिखाई पड़ता है क्योंकि पिछले साल नवंबर में बिटकॉइन ने जो रिकॉर्ड तोड़े हैं, उससे लोग क्रिप्टोकरेंसी की ओर बहुत अधिक संख्या में आकर्षित हुए हैं. बिटकॉइन पिछले साल नवंबर में $69,000 (लगभग 53.6 लाख रुपये) पर पहुंच गया था. वर्तमान में बिटकॉइन की कीमत 24.3 लाख रुपये पर चल रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, कुल नुकसान में से $575 मिलियन (लगभग 4,467 करोड़ रुपये) बोगस निवेश अवसरों का झांसा देकर लूटे गए. ये भी कहा गया है कि सोशल मीडिया पर हुए हर 10 डॉलर के फ्रॉड में से 4 डॉलर का फ्रॉड क्रिप्टोकरेंसी में किया गया. इसमें Instagram, Facebook, WhatsApp और Telegram टॉप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रहे.
प्रति व्यक्ति जो पैसा गंवाया गया वह $2,600 (लगभग रु. 2,02,000) था. बिटकॉइन, टीथर और ईथर टॉप क्रिप्टोकरेंसी रहीं जिसमें लोगों ने स्कैमर्स को पेमेंट दी. मई में डॉजकॉइन के फाउंडर बिली मार्कस ने 95 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी प्रोजेक्ट्स को स्कैम और कबाड़ कहा था. मार्कस का ट्वीट कहता है कि शुरू से ही क्रिप्टोकरेंसी की छवि लोगों की नजर में खराब रही है, यहां तक कि पारंपरिक निवेशक भी इसके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. इस ट्वीट के बाद क्रिप्टोकरेंसी समुदाय में जैसे एक विवाद सा छिड़ गया था.
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