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This Article is From Aug 25, 2022

Ethereum ब्लॉकचेन में बग पकड़ने वालों के लिए रिवॉर्ड में बढ़ोतरी

ब्लॉकचेन में बड़े बदलाव के लिए सतर्कता बरती जा रही है क्योंकि Ethereum पर 100 अरब डॉलर से अधिक के DeFi ऐप्स को सपोर्ट मिलता है

Ethereum ब्लॉकचेन में बग पकड़ने वालों के लिए रिवॉर्ड में बढ़ोतरी
Ethereum पर 100 अरब डॉलर से अधिक के DeFi ऐप्स को सपोर्ट मिलता है

लोकप्रिय ब्लॉकचेन्स में से एक Ethereum के अपग्रेड से पहले बग पकड़ने वालों के लिए रिवॉर्ड बढ़ाकर 10 लाख डॉलर कर दिया गया है. Ethereum को जल्द ही एनर्जी की कम खपत करने वाले प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) माइनिंग सिस्टम में कन्वर्ट किया जाना है. इस ब्लॉकचेन के डिवेलपर्स ने अपग्रेड के बाद किसी तरह की मुश्किल से बचने के लिए प्रोग्रामर्स को बग्स को खोजने के लिए प्रोत्साहित किया है.

Ethereum के अपग्रेड को "Merge" कहा जा रहा है. इसे अगले महीने लॉन्च किया जाना है. इस बारे में Ethereum के डिवेलपर्स ने बताया कि अपग्रेड से पहले मौजूदा Ethereum नेटवर्क को पहले Beacon चेन पर एक्टिवेट करना होगा. ब्लॉकचेन में बड़े बदलाव के लिए सतर्कता बरती जा रही है क्योंकि Ethereum पर 100 अरब डॉलर से अधिक के DeFi ऐप्स को सपोर्ट मिलता है. इस अपग्रेड के लिए टोटल टर्मिनल डिफिकल्टी (TTD) के एक तय स्तर पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. TTD इस ब्लॉकचेन पर फाइनल ब्लॉक के तैयार होने के लिए जरूरी कुल मुश्किल है. 

हाल ही में Goerli टेस्ट नेटवर्क पर Merge टेस्टिंग के अंतिम दौर में पहुंचा था. इस प्रोजेक्ट में इससे पहले रुकावटें आ चुकी हैं. इस अपग्रेड ने पब्लिक टेस्ट नेटवर्क Sepolia पर एक ट्रायल पूरा किया है. Ethereum के डिवेलपर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि Merge के लिए Sepolia तीन पब्लिक टेस्टनेट्स में से दूसरा है. अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है. Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है. 

एक अनुमान में बताया गया था कि Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर है. यह अपग्रेड होने के बाद Ethereum की ट्रांजैक्शन के लिए ऑर्डर stakers से दिया जाएगा. इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है. क्रिप्टो माइनिंग के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी. इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था. कुछ अन्य देशों में भी इसी कारण से क्रिप्टो माइनिंग का भारी विरोध हो रहा है.  
 

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