दुनिया का बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance (Binance Fraud) विवादों में फंसा हुआ है. कंपनी ने जर्मनी, इटली और नेदरलैंड्स सहित कई यूरोपीय देशों में अपने फ्यूचर और डेरिवेटिव्स प्रॉडक्ट की सेवाएं देना बंद कर दिया है. कंपनी का कहना है कि वो क्रिप्टो नियमों से सामंजस्य बिठाने (harmonising crypto rules) के लिए कुछ सक्रिय कदम उठा रही है. इस कदम का मतलब है इन देशों में बाइनेंस के यूजर्स नए फ्यूचर्स और डेरिवेटिव्स प्रॉडक्ट के अकाउंट नहीं खोल पाएंगे. लेकिन ऐसे वक्त में जब क्रिप्टो का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और कंपनी का बिजनेस फैल रहा है, बाइनेंस ऐसा बड़ा कदम क्यों उठा रहा है? और दुनिया भर में नियामक संस्थाओं की इसपर टेढ़ी नजर क्यों है?
बता दें कि कुछ देशों ने बाइनेंस को बैन कर दिया है, वहीं कुछ ने इसके ऑपरेशन बंद करवा दिए हैं. वहीं, कुछ ने चेतावनी दी है कि एक्सचेंज उनकी सीमा में रहकर अपने 'अवैध' काम न करे. यहां तक कि भारत में भी बाइनेंस के स्वामित्व वाला क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX भी मनी लॉन्डरिंग के आरोपों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के राडार के नीचे चल रहा है. इस एक्सचेंज पर आरोप हैं कि चीन स्थित कुछ बेटिंग ऐप्स यानी सट्टा लगाने वाले ऐप्स ने WazirX के जरिए कुछ मनी लॉन्ड्री की थी. हालांकि, इस एक्सचेंज ने कहा है कि वो सभी नियम-कानूनों के तहत ही अपने ऑपरेशन चला रहा है.
इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम में शीर्ष के कुछ बैंक और पेमेंट प्लेटफॉर्म्स ने बाइनेंस पर अपने ट्रांजैक्शन सीमित करने शुरू कर दिए हैं. इसके पीछे बाइनेंस में 'फ्रॉड रेट ज्यादा होने' का डर बताया गया है. बाइनेंस की नियामक संस्थाओं को मनाने की कोशिशों की बावजूद उसे टेस्ला और Coinbase के स्टॉक टोकन की ट्रेडिंग को रोकना पड़ी है.
अभी कुछ महीनों पहले थाइलैंड के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने बाइनेंस के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी. कमीशन ने कहा था कि एक्सचेंज को वहां काम करने की अनुमति नहीं है. सबसे हालिया शिकायत डच सेंट्रल बैंक की ओर से की गई है. बैंक ने आरोप लगाया है कि सामने आया है कि कंपनी एंटी-मनी लॉन्डरिंग और एंटी-टेरेरिस्ट फाइनेंसिंग कानूनों का पालन नहीं कर रही थी. बाइनेंस के खिलाफ यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट और इंटरनल रेवेन्यू सर्विस भी जांच कर रहे हैं.
Cryptocurrency : बिटकॉइन पेमेंट में कितनी पारदर्शिता रहती है? यहां दूर करिए क्रिप्टो पर अपने भ्रम
और तो और, इस बात पर भी अस्पष्टता है कि कंपनी कहां पर बेस्ड है, यानी उसका मुख्यालय वगैरह कहां है. इसके कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को लेकर भी सवाल हैं. कंपनी के हेड एक कनाडियन नागरिक Changpeng Zhao हैं, जिन्हें 'CZ' नाम से जाना जाता है. बाइनेंस के एक प्रवक्ता का कहना है कि कंपनी डिसेंट्रलाइज्ड है, यानी कि इसे किसी एक बिंदु से नियंत्रित नहीं किया जाता है और यह 'दुनिया भर मे कई नियमित संस्थाओं के साथ मिलकर काम करती है.'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं